भारत में प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे होता है ?

By   March 17, 2022

आपको जानकारी होगा कि भारत में प्रधानमंत्री का पद अपने आप में कितना बड़ा पद होता है आज के आर्टिकल के अंदर हमने प्रयास किया है कि प्रधानमंत्री की चुनाव से संबंधित जानकारियां जैसे कि चुनाव की प्रक्रिया क्या होती है प्रधानमंत्री को कौन हटा सकता है प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है क्या प्रधानमंत्री का पद राष्ट्रपति से बड़ा होता है क्या प्रधानमंत्री का चुनाव प्रत्यक्ष होता है प्रधानमंत्री की शक्तियां और कार्य क्या होते हैं क्या प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे जनता करती है क्या प्रधानमंत्री बनने की अधिकतम आयु 60 वर्ष होती है इन सभी टॉपिक को आज के आर्टिकल में विस्तार से पढ़ने का प्रयास करते हैं तो चलिए शुरू करते हैं ।

आप सभी को जानकारी होगा कि भारतीय गणराज्य के प्रधानमंत्री का पद शासन प्रमुख का मुख्य पद माना जाता है संविधान के अनुसार केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद का प्रमुख और भारतीय राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार माना जाता है भारतीय कार्यपालिका का प्रमुख भी प्रधानमंत्री होता है ।

प्रधानमंत्री कौन होता है?

आपको बता दें कि लोकसभा में बहुमत धारी दल का नेता प्रधानमंत्री कहलाता है और उसकी नियुक्ति की प्रक्रिया भारतीय राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर ही प्राप्त होती है पद पर किसी प्रकार की समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है परंतु एक व्यक्ति प्रधानमंत्री के पद पर केवल तभी तक विराजमान रह सकता है जब तक की लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो यानी कि लोकसभा के अधिकतर सदस्य उसी के पार्टी के हो ।

प्रधानमंत्री का चयन व नियुक्ति प्रक्रिया

राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री को संसदीय चुनाव परिणाम के बाद नियुक्ति करने का प्रक्रिया है प्रधानमंत्री को लोकसभा में बहुमत धारी दल के नेता होना अनिवार्य है हालांकि इस पद के लिए प्रधानमंत्री स्वयं को लोकसभा सांसद होना अनिवार्य नहीं है परंतु उनको लोकसभा में बहुमत सिद्ध करना होता है और 6 महीने के अंदर ही संसद का सदस्य बनना पड़ता है इसके लिए संसद के दोनों सदनों में से किसी भी एक का सदस्य होना जरूरी होता है ।

प्रधानमंत्री का योग्यता क्या होता है ?

प्रधानमंत्री के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन यह आवश्यक होता है कि प्रधानमंत्री के पास लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक की सदस्यता होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को

लोकसभा में बहुमत का समर्थन होना चाहिए यदि प्रधानमंत्री के पास दोनों सदनों से किसी भी एक सदन का सदस्य नहीं है तो नियुक्ति के 6 महीने के मध्य उसे संसद की सदस्यता लेना अनिवार्य होता है अन्यथा उस पद को त्याग करना होता है ।

प्रधानमंत्री को कौन की बाते ध्यान में रखना होता है ?

  • वह भारत का नागरिक होता है और निर्वाचन आयोग द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्रारूप के अनुसार शपथ लेता है
  • वह राज्यसभा में स्थान के लिए कम से कम 30 वर्ष की आयु का हो
  • वह लोकसभा में स्थान के लिए कम से कम 25 वर्ष की आयु का हो

कार्य पद की शपथ प्रक्रिया

प्रधानमंत्री की शपथ भारत के राष्ट्रपति द्वारा कराई जाती है इस पद पर नियुक्ति के लिए पदाधिकारी को दो शपथ लेना होता है यह दोनों शपथ भारतीय संविधान की तीसरी अनुसूची में उल्लेखित है ।

मंत्रीपद का शपथ का प्रारूप

मैं, [अमुक], ईश्वर की शपथ लेता हूँ/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगा, (संविधान (सोलहवाँ संशोधन) अधिनियम, 1963 की धारा 5 द्वारा अंतःस्थापित।) मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूँगा, मैं संघ के प्रधानमन्त्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूँगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूँगा।’

गोपनीयता की शपथ का प्रारूप

मैं, [अमुक], ईश्वर की शपथ लेता हूँ/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूँ कि जो विषय संघ के प्रधानमन्त्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को, तब के सिवाय जबकि ऐसे मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के सम्यक्‌ निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूँगा।’

प्रधानमंत्री का कार्यकाल

एक प्रधानमंत्री निश्चित काल तक प्रधानमंत्री पद पर बना रह सकता है उसे चाहिए की राष्ट्रपति को उसके ऊपर विश्वास होनी चाहिए इसका अर्थ यह है कि एक व्यक्ति इस पद पर उस समय तक बना रह सकता है जब तक की लोकसभा में बहुमत का विश्वास उसके पक्ष में हूं लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है उसके बाद से ही चुनाव कराने का प्रावधान है यदि किसी कारणवश लोकसभा सरकार के विरोध में और विश्वास मत पारित करें अथवा अन्य किसी कारणवश प्रधानमंत्री की सदस्यता शून्य घोषित हो जाए तो प्रधानमंत्री को अपने पद से राष्ट्रपति को एक लिखित पत्र के माध्यम से त्याग पत्र देना होता है ।

प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां

मंत्री परिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमंत्री की उपस्थिति अनिवार्य माना जाता है प्रधानमंत्री द्वारा ही मंत्री पद के विभाग का निर्धारण होता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है देश में प्रशासन व्यवस्था कैसी होनी चाहिए इसका भी निर्देश प्रधानमंत्री के द्वारा ही किया जाता है सभी नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार प्रधानमंत्री को ही है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के बीच का कड़ी का काम प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है ।

भारत के प्रधानमंत्रियों की सूची

जवाहरलाल नेहरू
(गुलजारीलाल नंदा)
लालबहादुर शास्त्री
इन्दिरा गांधी
मोरारजी देसाई
चौधरी चरण सिंह
राजीव गांधी
विश्वनाथ प्रताप सिंह
चंद्रशेखर
नरसिंह राव
हड्डनहल्ली डड्डगौड़ा देवगौड़ा
इंद्रकुमार गुज़राल
अटल बिहारी वाजपेयी
मनमोहन सिंह
नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री का वेतन कितना होता है

प्रधानमंत्री का वेतन निर्धारित नहीं है लेकिन ऐसा देखा जाता है कि लगभग डेढ़ लाख के आसपास वेतन होता है इस वेतन के साथ साथ प्रधानमंत्री को बहुत सी ऐसी सुविधाएं मिलती है जैसे की घर खाने पीने की व्यवस्था सभी निशुल्क होते हैं ।