कार्य से आप क्या समझते हैं

By   July 2, 2022

कार्य (Work) : सामान्य भाषा में कार्य का अर्थ किसी क्रिया से होता है |जैसे जब कोइ व्यक्ति पढ़ता है ,लिखता है ,खाना पकाता है ,आदि सामान्य भाषा में यह कहा जाता है कि व्यक्ति कार्य कर रहा है |परन्तु भौताकी के क्षेत्र में कार्य को निम्न प्रकार परिभाषित किया जाता है |

किसी भौतिक वस्तु पर बल लगाकर वस्तु को बल के दिशा में विस्थापित करने की क्रिया को कार्य कहते है |”
अतः यदि किसी वस्तु पर बल F आरोपित करने पर वस्तु का बल के दिशा में विस्थापन s हो तो कार्य =बल *बल के दिशा में विस्थापन W=F.s

कार्य

कार्य =बल *बल के दिशा में विस्थापन W=F.s

यदि वस्तु का विस्थापन बल के दिशा में न होकर बल के दिशा से θ कोण पर हो तो कार्य =बल *बल के दिशा में विस्थापन (विस्थापन s का बल के दिशा में घटक s.Cosθ
अतः W=F.SCosθ

कार्य का मात्रक

कार्य का मात्रक

कार्य का मात्रक =बल का मात्रक *विस्थापन का मात्रक
=न्यूटन *मीटर
नोट : कार्य का मात्रक जुल भी होता है
अतः 1 जुल =1 न्यूटन *मीटर

1 जुल

1 जुल

यदि किसी वस्तु पर 1 न्यूटन का बल आरोपित करने पर वस्तु का बल के दिशा में विस्थापन 1 मीटर हो तो वस्तु पर किया गया कार्य 1 जुल होता है |

M.K.S पद्धति में कार्य का मात्रक

M.K.S पद्धति में कार्य का मात्रक

M.K.S पद्धति में कार्य का मात्रक जुल होता है और C.G.S पद्धति में कार्य का मात्रक अर्ग होता है |
1 जुल =1O7 अर्ग

कार्य की विमा

कार्य की विमा

बल की विमा *विस्थापन की विमा =[MLT-2] [L] =[ML2T-2 ]
कार्य एक अदिश राशि है अतः इसको व्यक्त करने के लिए दिशा की आवश्यकता नहीं होती है |

नोट

नोट

यदि विस्थापन s बल F की दिशा में हो तो किया गया कार्य धनात्मक होता है तथा विस्थापन s बल F की विपरीत दिशा में हो तो किया गया कार्य ऋणात्मक होता है