संवेग किसे कहते है

By   June 29, 2022

यदि वस्तु के द्रव्यमान बराबर हो परंतु एक वस्तु अधिक वेग से चल रही हो तथा दूसरी वस्तु कम वेग से चल रही हो तो, अधिक वेग से चलने वाले वस्तु को रोकने के लिए अधिक बल लगाना पड़ेगा तथा कम वेग से चलने वाली वस्तु पर कम बल लगाना पड़ेगा | अतः गतिशील वस्तु को रोकने के लिए आवश्यक बल वस्तु के वेग पर भी निर्भर करता है |

अधिक द्रव्यमान वाली गतिशील वस्तु को रोकने में कम द्रव्यमान वाली गतिशील वस्तु की अपेक्षा अधिक बल लगाना पड़ेगा अतः किसीगतिशील वस्तु को रोकने के लिए आवश्यक बल वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है | अतः किसी पिंड अथवा वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को संवेग कहते है | संवेग को P व्यक्त करते है

अतः संवेग = द्रव्यमान *वेग
अथवा p =m *v
संवेग का SIपद्धति में मात्रक =द्रव्यमान का मात्रक * वेग का मात्रक
=किलोग्राम मीटर \सेकंड -1 संवेग एक सदिश राशि है जिसकी दिशा वेग की दिशा होती है | बल तथा संवेग में सम्बन्ध गति के दुसरे नियम से f=ma
परन्तु गति के पहले समीकरण से a =v-u\del (t )
अतः F=m.(v- u)\del (t)
F=m v-m u\del (t)
mv- mu=वस्तु का अंतिम वेग -प्राम्भिक वेग =संवेग परिवर्तन(del p )
F=(del p \del t )

संवेग संरक्षण का नियम

संवेग संरक्षण का नियम

यदि किसी निकाय पर आरोपित बाह्य बल शून्य हो तो us निकाय का संवेग संरक्षित रहता है | इसे ही संवेग संरक्षण का नियम कहते है |
यदि निकाय पर आरोपित बाह्य बल शून्य हो तो निकाय का सम्पूर्ण संवेग =0

Example

Example उस बल की गणना कीजिये जो एक कर का वेग विराम से 5 सेकंड में 15 मीटर\सेकंड -1
कर दे उस कर का द्रव्यमान 750 किग्रा हो |
solution; कर का द्रव्यमान=750 किग्रा
कर का प्राम्भिक वेग =(u )=0
तथा कर का अंतिम वेग (v)=15 मीटर\सेकंड -1
समय (t )=5 सेकंड
F= m *a
a=v- u \t
a=15-0\5=3 मीटर\सेकंड -1
अब : (F)= m *a
F=750*3=2250 न्यूटन