बल किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए

By   June 28, 2022

दैनिक जीवन में किसी भी कार्य को करने के लिए बल की आवश्कता होती है | हम अपने आस -पास सभी गत्यात्मक वस्तु को गति करते हुए देखते है |
जैसे – बैलगाड़ी ,मोटरकारे , रेलवे ट्रेन ,बाइसिकिल आदि सभी गति करते है |
गाड़ी को गतिमान करने के लिए बैल use खीचते है |रेलवे ट्रेन को इंजन खिचता है उचाई से गिरती हुई वस्तु को पृथ्वी अपनी ओर आकर्षित करती है |सदाहरण, भाषा में कह सकते है कि बल वह खिचाव अथवा धकेल है जो किसी वस्तु के स्थिति में परिवर्तन करता है या परिवर्तन करने का प्रयत्न करता है |
बल लगाकर खीचने की प्रक्रिया को आकर्षण बल तथा धकेलने की प्रक्रिया को प्रतिकर्षण बल कहते है|
किसी भी पिंड को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाने अथवा लाने में किये गये कार्य को बल कहते है |

बल के SI मात्रक


बल का SI मात्रक न्यूटन होता है |
बल के प्रकार
मांसपेशी बल
घर्षण बल
गुरुत्वाकर्षण बल
चुम्बकीय बल
मांसपेशी बल
वह बल जो मांसपेशियो के बीच लगता है मांसपेशी बल कहलाता है |
जैसे – साइकिल चलाते समय पैडल पर पैरो पर बल लगाना |

घर्षण बल


जब दो वस्तुओ के बीच गति होती है तब एक बल गति के विपरीत बल लगाती है जिसे घर्षण बल कहते हैं।
गुरुत्वाकर्षण बल
जब दो पिंड अथवा दो वस्तु एक दुसरे से निश्चित दुरी पर स्थित होते है तो पृथ्वी उन पर बल लगाती है इन बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते है |

बल दो प्रकार के होते है


संपर्क बल
असंपर्क बल
संपर्क बल = जब दो या दो से अधिक वस्तु एक दुसरे के संपर्क में आती है तो उनके बीच एक बल लगता है us बल को संपर्क बल कहते है |
असंपर्क बल = वह बल जो वस्तुओ के संपर्क में आये बिना लगने लगता है असंपर्क बल कहलाता है |

चुम्बकीय बल


जब किसी चुम्बक के द्वारा किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है तो us बल को चुम्बकीय बल कहते है |
बल के प्रभाव
बल लगाकर किसी स्थिर वस्तु को गतिशील अवस्था में लाया जा सकता है |
बल लगाकर किसी भी वस्तु की दिशा को परिवर्तित किया जा सकता है|
बल के द्वारा किसी भी वस्तु की गति को बढाया या घटाया जा सकता है |
बल लगाकर किसी गतिशील वस्तु को स्थिर अवस्था में लाया जा सकता है |

जड़त्व


किसी भी वस्तु पर बल लगाने के आधार कहा गया है की –
“बल वह बाहय कारक है जो किसी विराम अथवा गतिशील वस्तु की अवस्था को परिवर्तित करता है या परिवर्तित करने का प्रयत्न करता है |
सामान्य भाषा में इसी को बल भी कहा गया है बल की इस अभिधारणा से यह निष्कर्ष निकलता है कि किसी बाह्य बल की अनुपस्थिति में विरामावस्था में स्थित वस्तु विरामावस्था में ही बनी रहेगी तथा गतिशील वस्तु एक सामान चाल से एक ही दिशा में गति करती रहेगी |
टिप्पणी
जड़त्व संसार में सभी वस्तुओ में विद्यमान होता है |जीव विज्ञान के अध्ययन में बहुधा निर्जीव वस्तुओ को ही जड़ माना जाता है , सजीव वस्तुओ को विरामावस्था से गति शील होने के लिए तथा गतिशील अवस्था से विरामावस्था में आने के लिए किसी न किसी बल का उपयोग अवश्य करना होता है |अतः जड़त्व सभी निर्जीव एवं सजीव वस्तुओ में होता है |

जड़त्व विषयक नियम


किसी वस्तु की अवस्था में तब तक कोई परिवर्तन नहीं होता है जब तक की us पर कोई बाह्य बल आरोपित न किया जाता है इसे गैलीलियो का जड़त्व विषयक नियम कहते है |

न्यटन के गति के नियम

प्रथम नियम*


“यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी तथा गति की अवस्था में रहे तो यह गति की अवस्था में ही बनी रहेगी जब तक की us पर कोई बाह्य बल आरोपित न किया जाता है |इसे ही न्यूटन के गति का प्रथम नियम कहते है |

द्वितीय नियम *


बल = द्रव्यमान*त्वरण
बल का मात्रक SI पद्धति में न्यूटन होता है |
यदि द्रव्यमान=1 किलोग्राम तथा त्वरण =1 मीटर \सेकंड 2 हो तो बल का मात्रक एक न्यू टन होगा
अतः यदि किसी 1 किलो ग्राम द्रव्यमान के पिंड पर उत्पन्न त्वरण 1 मीटर \सेकंड 2 हो तो us पिंड पर लगने वाला बल 1 न्यू टन होता है |अतः 1 न्यूटन =1 किग्रा *1 मीटर \सेकंड 2

तृतीय नियम *


यदि कोई वस्तु किसी दुसरे वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहले वस्तु पर उतना ही बल ,विपरीत दिशा में लगाती है| इसे क्रिया प्रतिक्रिया का नियम भी कहते है |