आप सभी को जानकारी होगा की जिन भौतिक राशियों के मान एक से अधिक मूल राशियों के मानो पर निर्भर होता है उसे व्युत्पन्न मात्रक कहते है जैसे की किसी कार की चाल का मान कार द्वारा चली गयी दुरी एव इसमें लगे समय पर नर्भर करेगा अथार्थ यहाँ पर चाल एक व्युत्पन्न राशि है जिसका मान दो मूल राशियों दुरी एव समय पर करता है अतः किसी व्युत्पन्न राशि का मात्रक मूल मात्रको के आधार पर ही ज्ञात होता है ऐसे मात्रक को व्युत्पन्न मात्रक कहा जाता है व्युत्पन्न मात्रक किसे कहते हैं इससे सम्बंधित सभी जनकारी पढ़े ,
जैसे ,
चाल =दुरी /समय,
अब चाल का मात्रक =1 मीटर /1 सेकंड =1 मीटर /सेकंड होगा ,
प्रतीक रूप में इसे (ms-1) द्वारा व्यक्त करते है ,
व्युत्पन्न राशियों के व्युत्पन्न मात्रक कैसे ज्ञात किया जाता है ?
शुरुवात में जब समझ में नही आता है तो इसे समझने में थोड़ी दिक्कत होती है जब आप इसे पूरी तरह समझ लेते है तब आसान हो जाता है कुछ उदहारण द्वारा आपको समझाने का प्रयास करता हु जैसे,
क्षेत्रफल का मात्रक
क्षेत्रफल =लम्बाई *चौड़ाई होता है ,
अतः क्षेत्रफल का मात्रक =लम्बाई का मात्रक *चौड़ाई का मात्रक =मीटर *मीटर =मीटर2(m^2 ),
आयतन का मात्रक
आयतन का मात्रक = लम्बाई *चौड़ाई * उच्चाई ,
अतः आयतन का मात्रक =मीटर * मीटर * मीटर =मीटर 3 (m 3 ),
घनत्व का मात्रक
घनत्व = द्रव्यमान/आयतन,
घनत्व का मात्रक = किग्रा/मीटर 3 (kg/m 3 ),
वेग का मात्रक
वेग = विस्थापन/समय,
वेग का मात्रक = मीटर/सेकेण्ड(m/s),
चाल का मात्रक
चाल = दूरी/समय,
चाल का मात्रक = मीटर/सेकेण्ड(m/s ),
त्वरण का मात्रक
त्वरण = वेग–परिवर्तन/समय,
त्वरण का मात्रक = मीटर/सेकेण्ड/सेकेण्ड = मीटर/सेकेण्ड2,
निष्कर्ष
आशा करता हु की व्युत्पन्न मात्रक किसे कहते हैं इसकी जानकारी आप को मिल गयी होगी यदि अच्छा लगा हो तो आप अपने दोस्तों से साथ शेयर कर सकते है धन्यवाद ,