मूल मात्रक ऐसे मात्रक होते हैं जिनका अलग-अलग स्वतंत्र रूप से निर्धारण किया जाता है अथार्थ कोई भी मूल मात्रक अन्य किसी मात्रक पर निर्भर नहीं रहता है, इसके विपरीत जो मात्रक दो या दो से अधिक मूल मात्रकों द्वारा मिलकर बना हुआ होता है
उन्हें व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं,जैसे की मीटर तथा सेकंड जो की दुरी एव समय के मूल मात्रक है लेकिन यहाँ पर चाल व्युत्पत्र मात्रक है क्योकि चाल का मात्रक मीटर /सेकंड होता है यहाँ पर प्रयुक्त मीटर तथा सेकंड मात्रक मूल मात्रक है जबकि चाल दो मूल मात्रको में मिलकर बन रहा है मूल मात्रक किसे कहते हैं? इसकी सभी जानकारी को आगे पढ़ते है ,
मात्रको की मानक अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली (S .I SYSTEM )
प्राचीन काल से ही दो प्रणालियों फुट पाउंड सेकंड(FPS )प्रणाली एव सेंटीमीटर ग्राम सेकंड (CGS) प्रणाली का प्रयोग होता रहा है समय परिवर्तन होने से आधुनिक प्रणाली का विकास हुआ है जो की मीटर किलोग्राम सेकंड(MKS ) एव मीटर किलोग्राम सेकंड एम्पियर (MKSA) है मात्रको की मानक अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में 7 मूल मात्रक एव 2 पूरक मात्रक को सम्मलित किया गया है ,
सात मूल मात्रको के नाम एव प्रतीक
मात्रक | प्रतीक |
मीटर METRE | मी m |
किलोग्राम KILOGRAM | किग्रा kg |
सेकंड SECOND | से s |
केल्विन या डिग्री सेल्सियस KELVIN | क k , c |
एम्पियर AMPERE | ए A |
कैणडिला CANDELA | कै cd |
मोल MOLE | मोल mole |
मूल मात्रको के मानक
सात मूल मात्रको के मानक है जो निम्न है
मानक मीटर (standard metre),
मानक किलोग्राम (standard kilogram),
मानक सेकंड (standard second),
एम्पियर (AMPERE),
कैणडिला CANDELA,
मोल MOLE ,
मापन से आप क्या समझते है आगे पढ़े
निष्कर्ष
आशा करता हु की मूल मात्रक किसे कहते हैं? इससे सम्बंधित सभी जानकारी मिल गयी होगी यदि यह पोस्ट आपको अच्छा लगें तो आप अपने दोस्तो के साथ शेयर कर सकते है धन्यवाद.