रबीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी | Rabindranath Tagore Information in Hindi

By   December 22, 2021

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दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम रबीन्द्रनाथ टैगोर जी से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त करने वाले है, अगर आप रबीन्द्रनाथ टैगोर जी से सम्बंधित जानकारी के लिए यहाँ आये है तो आप सही जगह आये है, आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़े आपको रबीन्द्रनाथ टैगोर जी से सम्बंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियां मिलने वाली है।

Rabindranath Tagore Information in Hindi :-

दोस्तों रविंद्रनाथ टैगोर एक विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार तथा दार्शनिक थे, रविंद्रनाथ टैगोर जी एक अकेले ऐसे भारतीय साहित्यकार हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला हुआ है। इसके अलावा टैगोर जी नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई और साहित्य में नोबेल पाने वाले पहले गैर-यूरोपीय व्यक्ति भी थे। रविंद्रनाथ टैगोर जी ‘गुरुदेव’ के नाम से भी प्रसिद्ध है इन्होंने बांग्ला साहित्य और संगीत को एक नई दिशा दी।

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की रचनाएं भारत तथा बांग्लादेश, दो देशों का राष्ट्रगान है अर्थात यें दुनिया के अकेले ऐसे कवि हैं जिनकी रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान हैं, इनके द्वारा रचित ‘जन गण मन’ भारत देश का राष्ट्र-गान तथा ‘आमार सोनार बाँग्ला’ बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान है। रबीन्द्रनाथ टैगोर जी ने बंगाली साहित्य में नए तरह के पद्य और गद्य और बोलचाल की भाषा का भी प्रयोग किया।

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी ने मात्र 8 वर्ष की उम्र में ही अपनी पहली कविता लिखी थी, 16 साल की उम्र में इनके द्वारा रचित कविता ‘भानुसिम्हा’ उपनाम से प्रकाशित भी हो गयीं। रबीन्द्रनाथ टैगोर जी घोर राष्ट्रवादी थे और उन्होंने ब्रिटिश राज की भर्त्सना करते हुए देश की आजादी की मांग की, जलिआंवाला बाग़ हत्याकांड के बाद इन्होंने अंग्रेजों के द्वारा दिए गए नाइटहुड का त्याग कर दिया था।

संक्षिप्त जानकारी (Rabindranath Tagore Information in Hindi) :-

पूरा नाम रबीन्द्रनाथ ठाकुर
पिता का नाम श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर
माता का नाम श्रीमति शारदा देवी
जन्म दिवस 7 मई 1861
जन्म-स्थान कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी
धर्म हिन्दू
राष्ट्रीयता भारतीय
उपाधि लेखक और चित्रकार
प्रमुख रचना गीतांजलि
पुरुस्कार नोबोल पुरुस्कार
भाषा बंगाली, इंग्लिश
म्रत्यु 7 अगस्त 1941

रबीन्द्रनाथ ठाकुर या रबीन्द्रनाथ टैगोर जी का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ। रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर तथा माता का श्रीमति शारदा देवी था।

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी अपने माता-पिता की तेरह जीवित संतानों में से सबसे छोटे थ, जब ये छोटे थे उसी समय इनकी माता का स्वर्गवास हो गया था, इनके पिता अक्सर यात्रा पर रहते थे इसलिए इनका लालन-पालन नौकरों-चाकरों के द्वारा ही किया गया।

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के सबसे बड़े भाई का नाम द्विजेन्द्रनाथ था जोकि एक दार्शनिक और कवि थे,इनके एक दूसरे भाई का नाम सत्येन्द्रनाथ टैगोर था तथा वें इंडियन सिविल सेवा में शामिल होने वाले पहले भारतीय थे। टैगोर जी के एक अन्य भाई का नाम ज्योतिन्द्रनाथ था जोकि संगीतकार और नाटककार थे, इनकी बहन का नाम स्वर्नकुमारी देवी था जो एक एक कवयित्री और उपन्यासकार थीं।

रबिन्द्रनाथ टैगोर की शिक्षा (Rabindranath Tagore Education) :-

रबिन्द्रनाथ टैगोर जी की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता शहर के एक बहुत ही प्रसिद्ध स्कूल “सेंट जेवियर” नामक स्कूल मे हुई, टैगोर जी जन्म से ही बहुत ज्ञानी थे। इनके पिता प्रारंभ से ही समाज के लिये समर्पित थे इसलिये वें रबिन्द्रनाथ जी को भी बैरिस्टर बनाना चाहते थे।

सन 1878 में इनके पिता ने रबिन्द्रनाथ जी का लंदन के विश्वविद्यालय मे दाखिला कराया परन्तु बैरिस्टर की पढ़ाई मे रूचि न होने के कारण सन 1880 मे रबीन्द्रनाथ जी बिना डिग्री लिये ही वापस आ गये।

कैरियर :-

इंग्लैंड (लंदन) से वापस आने के बाद इनकी शादी हो गयी और इसके बाद सन 1901 तक इन्होंने अपना अधिकांश समय ‘सिआल्दा’ (अब बांग्लादेश में) स्थित अपने परिवार की जागीर में बिताया।

इसके बाद सन 1898 में उनके बच्चे और पत्नी भी उनके साथ वही पर रहने लगे थे इन्होंने दूर तक फैले अपने जागीर में बहुत भ्रमण किया तथा ग्रामीण और गरीब लोगों के जीवन को बहुत ही करीबी से देखा। इसके बाद इन्होने वर्ष 1891 से लेकर 1895 तक ग्रामीण बंगाल के पृष्ठभूमि पर आधारित कई लघु कथाएँ लिखीं।

सन 1901 में रविंद्रनाथ टैगोर जी शा’न्तिनिकेतन’ चले गए और वहां पर इन्होंने एक स्कूल, पुस्तकालय और पूजा स्थल का निर्माण किया, इन्होंने वहाँ पर बहुत सारे पेड़ लगाये तथा एक सुन्दर बगीचे का निर्माण किया, यहीं पर उनकी पत्नी तथा इनके दो बच्चों की मौत भी हुई, सन 1905 में इनके पिता का भी स्वर्गवास हो गया।

रबिन्द्रनाथ टैगोर जी का विवाह :-

रबिन्द्रनाथ टैगोर जी का विवाह सन 1883 ईस्वी में हुआ, इनकी पत्नी का नाम “म्रणालिनी देवी” था।

रबिन्द्रनाथ टैगोर जी की प्रमुख रचनाएं :-

रबिन्द्रनाथ टैगोर जी एक महान कवि, साहित्यकार, लेखक, चित्रकारतथा एक बहुत अच्छे समाजसेवी भी थे, रबीन्द्रनाथ टैगोर जी ने बाल्यकाल मे, जिस उम्र में बालक खेलता है उस उम्र मे इन्होने अपनी पहली कविता लिख दी थी, जिस समय रबिन्द्रनाथ टैगोर जी नेअपनी पहली कविता लिखी उस समयइनकी उम्र केवल 8 वर्ष थी।

सन 1877 में जान इनकी उम्र मात्र सोलह वर्ष की थी इन्होने लघुकथा लिख दी थी, रबिन्द्रनाथ टैगोर जी ने लगभग 2,230 गीतों की रचना की। रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की प्रमुख रचनाएँ गीतांजलि, पूरबी प्रवाहिन, महुआ, कणिका, शिशु भोलानाथ, नैवेद्य मायेर खेला, गीतिमाल्य, चोखेरबाली, वनवाणी इत्यादि थी।

साहित्य :-

अधिकतर लोग रबीन्द्रनाथ टैगोर जी को एक कवि के रूप में ही जानते हैं परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं था, रबीन्द्रनाथ जी ने कविताओं के साथ-साथ, उपन्यास, लेख, लघु कहानियां, यात्रा-वृत्तांत, ड्रामा और हजारों गीत भी लिखे है।

संगीत और कला :-

रविंद्रनाथ टैगोर जी एक महान कवि और साहित्यकार के साथ-साथ एक उत्कृष्ट संगीतकार और पेंटर भी थे, रबीन्द्रनाथ टैगोर जी ने लगभग 2230 गीत लिखे तथा इन गीतों को रविन्द्र संगीत के नाम से जाना जाता है, इसके अलावा भारत तथा बांग्लादेश के राष्ट्रगीत भी रविंद्रनाथ टैगोर जी के द्वारा लिखे गए थे जोकि रविन्द्र संगीत का हिस्सा हैं।

रबिन्द्रनाथ टैगोर जी की उपलब्धियां :-

आईये अब रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्राप्त करते है-

  • रबिन्द्रनाथ टैगोर जी को अपने जीवन में बहुत सारी उपलब्धियों तथा सम्मान से नवाजा गया परन्तु उनमें से सबसे प्रमुख थी “गीतांजलि”, सन 1913 ईस्वी में गीतांजलि के लिये “रबिन्द्रनाथ टैगोर जी को “नोबेल पुरुस्कार” से सम्मानित किया गया था।
  • रबिन्द्रनाथ टैगोर जी ने विश्व के दो देशों “भारत तथा बंगलादेश” को उनकी सबसे बड़ी अमानत के रूप में ‘राष्ट्रगान’ दिया है जोकि अमरता की निशानी है, किसी भी महत्वपूर्ण अवसर पर प्रत्येक देश के द्वारा अपना राष्ट्रगान गाया जाता है, भारत का राष्ट्रगान “जन-गण-मन तथा बंगला देश का राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” है और इन दोनों राष्ट्रगानों की रचना रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के द्वारा किया गया है।
  • रबिन्द्रनाथ टैगोर जी अपने जीवन मे तीन बार “अल्बर्ट आइंस्टीन” जैसे महान वैज्ञानिक से भी मिले जो रबिन्द्रनाथ टैगोर जी को ‘रब्बी टैगोर’ के नाम से पुकारते थे।

रबिन्द्रनाथ टैगोर के जीवन की कार्यशैली :-

रबिन्द्रनाथ टैगोर कभी न रुकने वाले तथा निरंतर कार्य करने पर विश्वास रखते थे , इन्होने बहुत सारे ऐसे ऐसे कार्य भी किये है जिससे लोगो का भला ही हुआ है जिनमे से एक है शांतिनिकेतन की स्थापना। शान्तिनिकेतन की स्थापना, गुरुदेव का सपना था इसलिए इन्होने सन1901 में गुरुदेव के इस सपने को पूरा किया और शान्तिनिकेतन की स्थापना की।

वो यह चाहते थे कि प्रत्येक विद्यार्थी कुदरत या प्रकृति के समुख पढ़े जिससे विद्यार्थियों को बहुत ही अच्छा माहोल मिले, इसलिये गुरुदेव ने, शान्तिनिकेतन मे पेड़-पौधों तथा प्राकृतिक माहोल में पुस्तकालय की स्थापना की, रबिन्द्रनाथ टैगोर के बहुत प्रयास के बाद शान्तिनिकेतन को विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ जिसमे साहित्य कला केअनेक विद्यार्थी अध्यनरत हुए।

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की यात्रायें :-

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी ने सन 1878 से लेकर सन 1932 तक के बीच में 30 देशों की यात्रा की, टैगोर जी की यात्राओं का मुख्य मकसद अपनी साहित्यिक रचनाओं को उन लोगों तक पहुँचाना था जो लोग बंगाली भाषा नहीं समझ पाते थे। रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की अंतिम विदेश यात्रा सन 1932 में सीलोन (अब श्रीलंका) की थी।

अंतिम समय :-

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी ने अपने जीवन के अंतिम 4 साल पीड़ा और बीमारी में बिताये, सन 1937 के अंत में टैगोर जी अचेत हो गए तथा बहुत समय तक इसी अवस्था में रहे। लगभग तीन साल बाद एक बार फिर ऐसा ही हुआ। बीच में जब कभी भी वें ठीक होते तो कवितायें लिखते, इस दौरान उनके द्वारा लिखी गयीं कविताएं उनकी बेहतरीन कविताओं में से एक हैं।

रबिन्द्रनाथ टैगोर की म्रत्यु (Rabindranath Tagore Death) :-

रबीन्द्रनाथ टैगोर जी का निधन 7 अगस्त सन 1941 को कोलकाता मे हुआ, रबिन्द्रनाथ टैगोर एक ऐसा व्यक्तित्व है जो मर कर भी अमर है।

Frequently Asked Questions (FAQ’s) :-

Qus 1: रविंद्र नाथ टैगोर का निधन कब हुआ था?

Ans: रविंद्र नाथ टैगोर का निधन “7 अगस्त सन 1941” को हुआ था।

Qus 2: रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म कब और कहां?

Ans: रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म 7 मई सन 1861 में ‘कोलकाता’ में हुआ था।

Qus 3: रविंद्र नाथ टैगोर का बचपन का नाम क्या था?

Ans: रविंद्र नाथ टैगोर का बचपन का नाम “देवेंद्रनाथ टैगोर” था।

Qus 4: रविंद्र नाथ टैगोर के माता पिता का क्या नाम है?

Ans: रविंद्र नाथ टैगोर के पिता का नाम ‘देवेन्द्रनाथ टैगोर’ तथा माता का नाम ‘शारदा देवी’ था।

Qus 5: रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार कब दिया गया?

Ans: रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार सन 1913 में दिया गया था।

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आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने रबीन्द्रनाथ टैगोर जी से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने Rabindranath Tagore Information in Hindi, रबिन्द्रनाथ टैगोर की शिक्षा, रबिन्द्रनाथ टैगोर की प्रमुख रचनाये, रबिन्द्रनाथ टैगोर की उपलब्धिया, रबिन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय, रबिन्द्रनाथ टैगोर की म्रत्यु इत्यादि जैसी जानकारियों को प्राप्त किया।

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