Category Archives: प्रेरणा

स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम क्या था ?

By   September 12, 2024

1 नरेन्द्र 

2  रामकृष्ण परमहंस

3 नरेन्द्र नाथ दत्त 

4 नरेन्द्र दास

ANSWER 3 नरेन्द्र नाथ दत्त 

इनके बारे में मुख्य जानकारी

उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना एव वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे।

Pelican Bird Information in Hindi | पेलिकन पक्षी से सम्बंधित जानकारियाँ?

By   January 19, 2022

Pelican Bird Information in Hindi, Information About Pelican Bird in Hindi, Pelican Bird In Hindi, Pelican Bird क्या है, पेलिकन पक्षी से सम्बंधित रोचक जानकारी, Pelican Bird की विशेषताएं

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम ‘Pelican Bird’ के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं, अगर आप Pelican Bird से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए यहाँ पर आये हैं तो आप सही जगह आ गए हैं आप बस हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपको Pelican Bird से सम्बंधित बहुत सारी जानकारियां मिलने वाली हैं, आईये शुरू करते हैं और इसके बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं-

Pelican Bird Information in Hindi :-

Pelican Bird समुद्री क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक पक्षी होता है, इस पक्षी की पूरे दुनियाभर में लगभग 8 प्रजाति पायी जाती है। ये पक्षी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा अफ्रीका में पाया जाता है परन्तु यह अंटार्कटिका पर नहीं पाया जाता है। Pelican Bird की प्रजातियों में ब्राउन पेलिकन, ग्रेट व्हाइट पेलिकन, ऑस्ट्रेलियाई पेलिकन, डालमेशियन पेलिकन, Spot Billed Pelican इत्यादि इसके मुख्य प्रजाति है। ग्रेट व्हाइट पेलिकन को रोजी पेलीकन के नाम से भी जाना जाता है।

पेलिकन पक्षी (Pelican Bird) का वैज्ञानिक नाम Pelecanus होता है, इस पक्षी के पास एक लम्बी चोंच तथा गले में मौजूद थैली होती है। पेलिकन पक्षी को “V” आकर में उड़ना बहुत ज्यादा पसंद होता है और यें ज्यादातर प्रवास करते समय “V” आकर में ही उड़ते है।

Pelican Bird क्या है? (Information About Pelican Bird in Hindi) :-

पेलिकन एक ऐसा पक्षी होता है जिसका निवास स्थान जल स्रोतों के आस-पास होता है अर्थात ये पक्षी समुद्री तट के पास रहता है। इस पक्षी का समुद्री तट के पास रहने का मुख्य कारण भोजन की आसानी से उपलब्धता है। ये पक्षी समुद्र में पायी जाने वाली मछलियों का शिकार करके पेट को भरती है अर्थात मछलियां ही इनका मुख्य आहार होता हैं।

ये पक्षी लगभग 3 करोड़ वर्ष पहले से ही धरती पर मौजूद है, फ्रांस में पेलिकन बर्ड का जीवाश्म पाया गया है जो कि यह साबित करता है कि पहले के समय में भी पेलिकन की तरह का पक्षी पाया जाता था।

पेलिकन पक्षी की शारीरिक संरचना (Body Structure of Pelican Bird) :-

पेलिकन पक्षी का आकार लगभग 40 इंच तथा वजन लगभग 10 से 15 किलोग्राम वजन का होता है, ग्रेट व्हाइट प्रजाति के पेलिकन सबसे अधिक वजन का पेलिकन होता है। पेलिकन पक्षी बड़ी प्रजाति की पक्षियों में से एक है इस पक्षी की लम्बाई लगभग 50 इंच के आसपास की होती है इतना अधिक वजन होने के बाद भी ये पक्षी आसमान में हजारों मीटर (लगभग 3 किलोमीटर) ऊपर तक आसानी से उड़ सकते है।

पेलिकन पक्षी एक बहुत अच्छे तैराक भी होते है तथा ये पानी की सतह से ही उड़ान भर सकते है, इनके पानी की सतह से ही उड़ान भरने का मुख्य कारण इनके पैरों की झिल्लीनुमा जालीदार बनावट होती है जो इसे तैरने में मदद करती है। इस पक्षी के पैर इनके शरीर की तुलना में बहुत ही छोटे होते है। जालीदार पैर होने के कारण पानी में तैरना तो आसान होता है परन्तु जमीन पर चलना बहुत ही मुश्किल होता है।

नर पेलिकन की चोंच मादा पेलिकन से बड़ी होती है, ऑस्ट्रेलियाई पेलिकन की चोंच दुनियाभर में पाये जाने वाले पक्षियों में सबसे लम्बी चोंच होती है। इसकी चोंच की साइज लगभग 20 इंच की होती है। पेलिकन पक्षी के पंखों का फैलाव लगभग 11 फ़ीट तक होता है।

पेलिकन पक्षी का भोजन (Pelican Bird Food) :-

पेलिकन पक्षी का मुख्य आहार मछली होता है, वैसे ये पक्षी मछली के अलावा केकड़ा, छोटे कछुए तथा इंसेक्ट्स इत्यादि भी खा जाते है। पेलिकन पक्षी एक मांसाहारी पक्षी होता है। पेलिकन केवल दिन के समय में ही शिकार करता है। आज के समय में वातावरण के विपरीत प्रभाव के कारण भी इसकी कुछ प्रजाति विलुप्ति होने की कगार पर आ खड़ी हुयी है।

पेलिकन पक्षी का निवास स्थान :-

अंटार्कटिका को छोड़ कर Pelican Bird लगभग पूरे विश्व भर में पाया जाता है, ये पक्षी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा अफ्रीका में पाया जाता है। Pelican Bird ज्यादातर समुद्री क्षेत्रों में पाया जाने वाला पक्षी होता है, इस पक्षी की दुनियाभर में लगभग 8 प्रजाति पायी जाती है।

पेलिकन पक्षी का प्रवास :-

पेलिकन पक्षी प्रवास के दौरान हमेशा झुंड में ही उड़ते है तथा ये पक्षी ज्यादातर ‘V’ आकर में उड़ते हैं, अगर आपने इन्हें आसमान में उड़ते हुए देखा होगा तो आपको ‘V’ आकर नज़र आया होगा।

ज्यादातर पेलिकन पक्षी साइबेरिया देश से भारत आते है। गुजरात का कच्छ क्षेत्र पेलिकन पक्षियों का प्रिय स्थान है तथा प्रत्येक वर्ष पेलिकन पक्षी साइबेरिया से भारत आते है। इसी कारण पेलिकन पक्षी को प्रवासी पक्षी भी कहा जाता है। पेलिकन को गर्म क्षेत्र बहुत अधिक पसंद होता है। ठण्ड आते ही इन पक्षियों का प्रवास शुरू हो जाता है। पेलिकन पक्षी मुख्यतः भोजन और प्रजनन के लिए भारत प्रवास करते है।

पेलिकन पक्षी घोंसला :-

पेलिकन पक्षी अपना घोंसला तटीय इलाकों में बनाते है तथा ज्यादातर पेलिकन पक्षी अपने घोंसलों को पेड़ो में बनाते है। कुछ पेलिकन प्रजाति (ब्राउन पेलिकन) जमीन पर भी अपना घोंसला बनाती है। ये पक्षी सैकड़ो की झुंड बनाकर रहते है तथा पंखों, पत्तियों और छोटी टहनियों से अपने घोंसले का निर्माण करते है।

पेलिकन पक्षी के अंडे :-

मादा पेलिकन एक बार में लगभग 1-4 अंडे देती है, परन्तु ज्यादातर ये एक बार में1-2 अंडे ही देती है। मादा पेलिकन का काम अंडो को सेने का होता है, लगभग 4-5 हफ़्तों के बाद अंडो में से बच्चें बाहर निकलते है।

पेलिकन पक्षी का जीवनकाल :-

पेलिकन पक्षी का औसतन जीवनकाल लगभग 20 वर्ष तक का होता है अर्थात पेलिकन पक्षी लगभग 20 वर्ष तक जीती हैं।

पेलिकन पक्षी से सम्बंधित रोचक जानकारियां :-

पेलिकन पक्षी से सम्बंधित कुछ रोचक जानकारियां निम्न प्रकार से हैं-

  • इस पक्षी का वैज्ञानिक नाम ‘Pelecanus’ होता है।
  • इस पक्षी की चोंच बहुत बड़ी होती हैं तथा इनके गले में मौजूद थैली होती है।
  • यें पक्षी प्रवास के समय ज्यादातर “V” आकर में ही उड़ते है।
  • पेलिकन पक्षी प्रवास के समय में लगभग 2 हजार मीटर की उंचाई तक उड़ते है।
  • पेलिकन पक्षी झुण्ड समूह में यात्रा तथा अपना शिकार करते है।
  • पेलिकन पक्षी की लम्बाई करीब 100 से 130 सेंटीमीटर तक की होती है।
  • इस पक्षी का वजन लगभग 9-16 किलोग्राम तक का होता है।
  • पेलिकन झुण्ड में रहने वाला तथा एक सामाजिक पक्षी होता है।
  • मादा पेलिकन में लगभग लगभग 1-4 अंडे देती है।
  • मादा पेलिकन पक्षी की तुलना में नर पेलिकन पक्षी का आकार और वजन में बड़ा होता है।
  • पेलिकन पक्षी का औसतन जीवनकाल करीब 20 साल तक का होता है।

इसे भी पढ़ें :-

आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने पेलिकन पक्षी के बारे में जानकारी प्राप्त की, इस आर्टिकल में हमने Pelican Bird Information in Hindi, Information About Pelican Bird in Hindi, Pelican Bird In Hindi, Pelican Bird क्या है, पेलिकन पक्षी से सम्बंधित रोचक जानकारी इत्यादि जैसी जानकारियों को प्राप्त किया।

दोस्तों अगर आपको हमारा ये पेलिकन पक्षी से सम्बंधित आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसको अपने यार-दोस्तों तथा फैमली मेंबरों के साथ भी शेयर करें (धन्यवाद)

Safety Slogan in Hindi | 50+ सेफ्टी स्लोगन्स

By   December 29, 2021

दोस्तों अगर आप Safety Slogan in Hindi को ढूँढ़ते हुए यहाँ पर आये है तो आप सही जगह आ गए है। आज इस आर्टिकल में 50+ Safety Slogan के बारे में जानकारी देने वाले है, आप हमारे दरवा बताने वाले इन सेफ्टी स्लोगन्स को कार्यक्षेत्र के आसपास लगा सकते है जिससे सभी लोगो को काम पर सुरक्षित रहने का महत्व पता चल सके।

दोस्तों वर्तमान समय में हमारा जीवन बहुत ही भागदौड़ वाला हो गया है जिसकी वजह से हम सुरक्षा पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते है जिसकी वजह से आज के समय में आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। इन दुर्घटनाओं की वजह से बहुत से व्यक्ति विकलांग हो जाते है या फिर उनकी मौत हो जाती है तथा जिससे उनका पूरा परिवार दुखी और अनाथ हो जाता है।

आज लोग अपने काम में इतना बिजी रहते है की अपनी सुरक्षा पर भी ध्यान नहीं देते है इसलिए आज हमें ही लोगो को जागरूक करने की जरूरत है कि वें पहले अपनी सुरक्षा पर ध्यान दें फिर कोई और काम करें, क्योंकि यदि जीवन ही नहीं होगा तो वें जिस काम के लिए इतना बिजी रहते है उसका कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा।

Best Safety Slogan in Hindi :-

लोगो में सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाने हेतु हमने नीचे बहुत अच्छे-अच्छे Road Safety Slogan in Hindi, Electrical Safety Slogan in Hindi, Safety Slogan in Hindi for Industries, Fire Safety Slogan in Hindi, सड़क सुरक्षा पर स्लोगन दे रखें हैं। इन सेफ्टी स्लोगन को आप अपने दोस्तों तथा परिवार के सदस्यों के साथ भी जरूर करें।

Safety Slogan in Hindi :-

1. सुरक्षा की कुंजी आपके हाथ में हैं।
2. सुरक्षा हमारी No. 1 प्राथमिकता हैं।
3. सुरक्षा के नियम आपके सर्वोत्तम उपकरण हैं।
4. बेहतर है की आज अलर्ट रहो ताकि तुम कल जी सको।
5. सुरक्षा की आदतें एक सस्ती और प्रभावी बीमा पॉलिसी हैं।
6. हर दिन सुरक्षित – करें सुनिश्चित
7. सुरक्षित तरीका – सही तरीका
8. काम करे सावधानी से – सुरक्षा रहेगी शान से।
9. जो करे सुरक्षा से काम, उसका रहे हमेशा अच्छा नाम।
10. सुरक्षा का महत्व – टिकाये सबका अस्तित्व

Road Safety Slogan in Hindi :-

1. स्पीड की मजा – मौत की सजा
2. सिर रहे सलामत, हेलमेट की है यह करामत।
3. ट्रैफिक नियमों का पालन करें, आने वाली परेशानियों से बचें।
4. चार कंधो पर जाने से बेहतर हैं दो टायरों पर सुरक्षित घर जाएँ।
5. सर्वश्रेष्ठ ड्राइवरों को पता है कि उन्हें सावधान रहना चाहिए।
6. दुर्घटनाओं को रोकें इससे पहले कि वे आपको रोकें।
7. ट्रैफिक नियमों का पालन, सड़क सुरक्षा का बड़ा साधन।
8. आपको ब्लड बैंकों में रक्तदान करना चाहिए, सड़कों पर नहीं।
9. हमेशा ट्रैफ़िक नियमों का पालन करें, वन वे नियमों का पालन करें।
10. ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अपने भविष्य को करें सुनिश्चित।

सड़क सुरक्षा पर स्लोगन :-

1. अपनी गति को धीरे करे, क्योंकि आपके परिवार को आपकी जरुरत हैं।
2. याद रखे – नजर हटी तो दुर्घटना घटी
3. ड्राइव ऐसे करे मानो सड़क पर मौजूद हर बच्चा आप ही का हो।
4. सुरक्षित सड़क यात्रा – जीवन को बनाए ‘सुरक्षित’
5. कृपया मूर्ख न बने और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करे।
6. सड़क सुरक्षा आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
7. सड़क सुरक्षा का सार ‘स्वस्थ’ रहना है।
8. रेस ड्राइविंग आपकी सांस को छीन सकती है और आपको मौत दे सकती है।
9. एक फास्ट ड्राइव इसे आपके जीवन की अंतिम ड्राइव बना सकता है।
10. धीरे ड्राइव करें और घर वापस जाएं या तेज ड्राइव करें और नरक जाएं

Fire Safety Slogan in Hindi :-

1. दुर्घटना एक को – परेशानी सबको
2. याद रखें: सुरक्षा का मार्ग, सबसे सस्ता।
3. जल्दबाजी और प्रतिष्ठा दोनों ही ‘सुरक्षा’ के दुश्मन हैं।
4. दुर्घटना प्रकृति का उपहार नहीं है, यह हमारी गलती का परिणाम है।
5. सुरक्षित रहना सांस लेने की तरह है, आप कभी भी रुकना नहीं चाहते हैं।
6. ‘सुरक्षा’ को बनाए जीवन का महामंत्र
7. दुर्घटनाएं बड़ी या छोटी – इन सब से बचें
8. सुरक्षा से कीजिए हमेंशा काम, मुस्कुराते रहे सुबह-शाम।
9. चींटी के समान एक ही गलती – हाथी के जितना उसका फल।
10. लगाओ काम पर सुरक्षा का पहरा, ले जाओ घर मुस्कुराता चहेरा।

Electrical Safety Slogan in Hindi :-

1. पर्याप्त सावधानी – सच्ची सलामती।
2. याद रखें: सुरक्षा कोई दुर्घटना नहीं हैं।
3. ऊर्जा अमूल्य है – इसे व्यर्थ न होने दे।
4. दुर्घटना में कमी – उत्पादन में वृद्धि।
5. सुरक्षा नियमों का पालन करें, शरीर को रखें बरकरार।
6. प्रदूषण हटाओ – पर्यावरण बचाओ।
7. याद रखे – खुद को तारों से बचाए।
8. बिजली आपको Turn Off कर सकती हैं।
9. आगे की योजना बनाएं, हमेशा पहले सुरक्षा रखें।
10. जब तक आप सुरक्षित नहीं हैं, तब तक आप घर नहीं जा सकते।

Industrial Safety Slogan in Hindi :-

1. अधिक सुरक्षा – अधिक उत्पाद।
2. याद रखे – ‘सुरक्षा’ जीवन के लिए करो।
3. नसीब बचाये एक बार – सुरक्षा बचाये हर बार।
4. सुरक्षा से नज़र हटी, प्राणों की और दुर्घटना घटी।
5. शब्द का फ़ोकस केवल छोटा हो सकता है, लेकिन सुरक्षा की बात आने पर इसका अर्थ बहुत बड़ा हैं।
6. याद रखे: सचेत रहें – चोट न लगें।
7. जो बचाएं अपना अंग, सारी खुसिया उसके संग।
8. जब सुरक्षा पहले होती है, तो आप अंतिम होते हैं।
9. मशीनों के पास दिमाग नहीं है – अपना उपयोग करें।
10. आप अपनी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को देख रहे हैं (बाथरूम के दर्पण पर स्टिकर)

बेस्ट सेफ्टी स्लोगल इन हिंदी :-

1. दुर्घटना से देर भली।
2. अपनी सुरक्षा, अपने हाथ।
3. आज सुरक्षित, तो भविष्य सुरक्षित है।
4. नियम अपनाओ, सुरक्षित भविष्य पाओ।
5. जल्दबाजी करोगे, तो जीवन की बाजी हार जाओगे।
6. जो हर पल सतर्क रहेगा, वहीं जन-धन बचाएगा।
7. जो सुरक्षा को अपनायेगा, वो हर दिन दीवाली मनाएगा।
7. सुरक्षा ही खुशियों के ताले की चाबी है।
8. आज ही अपना कर्तव्य निभाओ, सुरक्षा को अपनाओ।
9. आपकी एक लापरवाही, कई परिवारों पर है भारी।
10. सुरक्षा का मंत्र अपनाओ, जीवन में खुशियां ही खुशियां पाओ।
11. आपकी एक लापरवाही, पूरा परिवार दुखी।
12. नियम का पालन नहीं करोगे, तो हॉस्पिटल में जिंदगी बिताओगे।
13. लंबी आयु वही पाता, जो सुरक्षा को अपनाता।
14. एक भूल, जीवन हो जाएगा सून।
15. लाल बत्ती रुकने को कहती जो नहीं रुकता, उसका जीवन संकट में पड़ता।

इसे भी पढ़ें :-

आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने Safety Slogans को देखा, इस आर्टिकल में हमने Safety Slogan in Hindi, Road Safety Slogan in Hindi, Industrial Safety Slogan in Hindi, Electrical Safety Slogan in Hindi इत्यादि जैसे स्लोगन्स को देखा। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें (धन्यवाद)

Information About Horse in Hindi | घोड़े से सम्बंधित जानकारियां?

By   December 28, 2021

Information About Horse in Hindi, Horse Information in Hindi, घोड़े से सम्बंधित जानकारी, घोड़े का आकार, घोड़े का निवास-स्थान, घोड़े का आहार, घोड़े पर निबंध, घोड़े से सम्बंधित रोचक तथ्य।

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम घोड़े से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त करने वाले हैं अगर आप घोड़े से सम्बंधित जानकारी के लिए यहाँ पर आये है तो आप सही जगह आये हैं, आप बस हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें आपको घोड़े से सम्बंधित बहुत-सी जानकारियां मिलने वाली हैं।

Information About Horse in Hindi :-

घोड़ा एक पालतू पशु है जिसका उपयोग मनुष्य बहुत समय से करता आया है, घोड़े का इस्तेमाल मनुष्यों के द्वारा बहुत पहले से ही यातायात के रूप में जा रहा है, आज से लगभग 6000 वर्ष पहले पहली बार एक घोड़े को पालतू बनाया गया था। दोस्तों आपको बता दूँ कि घोड़ा और गधा के पूर्वज एक ही थे।

घोड़ा एक ऐसा जानवर है जो दुनिया के प्रत्येक कोने में पाया जाता है अर्थात घोड़ा पुरे विश्व भर में पाया जाने वाला जानवर है। एक अनुमान के तहत पूरे विश्व भर में लगभग 6 करोड़ घोड़े है, घोड़े कई नस्लो और रंगों में देखने को मिलते है जिनमें से सबसे उत्तम घोड़ा ‘अरबी’ नस्ल का होता है। अरबी नस्ल के अलावा एशियाई घोड़े, अफ्रीकन घोड़े भी घोड़े की प्रमुख नस्लें है। अफ्रीकन घोड़े ज्यादातर जंगलो में देखने को मिलते हैं।

घोड़े के बारे में जानकारी (Horse information in Hindi) :-

घोड़ा एक स्तनधारी जानवर है अर्थात घोड़ा जमीन पर वाला जानवर होता हैं, इसके चार पैर होते ह तथा इनके पैरों में खुर होते है। घोड़ा एक शाकाहारी जानवर होता है तथा इनका जीवनकाल लगभग 25 से 30 वर्ष का होता है, आपको बता दूँ कि घोड़े की आंखे जमीन पर पाये जाने वाले सभी जीवों में से सबसे बड़ी होती है, घोड़े की आंखे 360 डिग्री देखने मे सक्षम होती है अर्थात घोड़ा अपनी आँख से 360 डिग्री में देख सकता है परन्तु यें इंसानो की तरह फोकस नही कर पाते है। घोड़ा केवल नाक के द्वारा ही सांस ले पाटा है।

नर घोड़े के मुंह में लगभग 40 तथा मादा के मुंह में लगभग 36 दांत होते है आपको यह जानकार हैरानी होगी कि एक नर घोड़े का जबड़ा उसके दिमाग से भी ज्यादा बड़ा होता है। घोड़ा घास, चना तथा अनाज खाता है अर्थात घोड़ा एक शाकाहारी जानवर होता है। घोड़ा जहां पर रहता है उसको अस्तम्बल कहा जाता हैं। घोड़ा एक ऐसा जानवर होता है जो एक ही समय में दो अलग-अलग जगहों पर देख सकता हैं।

घोड़ा एक बहुत ही फुर्तीला जानवर होता है जोकि आपकी तेज़ रफ़्तार के लिए जाना जाता है, घोड़े के दौड़ने की औसत रफ्तार लगभग 45 किलोमीटर/घण्टा की होती है, इसके अलावा एक घोड़ा बिना रुके कई घन्टो तक लगातार दौड़ सकता है। घोड़ा अपने मालिक के प्रति बहुत ही वफादार होते है, पहले की बहुत सारी कहानियां जिसमे घोड़ो का जिक्र है जो अपने मालिक के प्रति वफादार हुआ करते थे।

पहले के समय में घोड़े का इस्तेमाल बहुत ज्यादा ही किया जाता था परन्तु आज के समय मे घोड़े का उपयोग कम हो गया है परन्तु आज भी बहुत सारे ऐसे कार्य है जिनमें घोड़े की आवश्यकता पड़ती है। घोड़ा गाड़ी को हम तांगा के नाम से जानते है जिसका इस्तेमाल सवारी को ढोने में किया जाता है। दुनिया के कई भागों में घोड़े की दौड़ प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है जिसको हॉर्स रेसिंग के नाम से जाना जाता हैं।

घोड़े की संरचना (घोड़े की बनावट) :-

घोड़े के चार पैर, दो कान, दो आँख तथा एक पूँछ होती हैं। इसके चार पैर होते ह तथा इनके पैरों में खुर होते है, इसके अलावा घोड़े की आँखे जमीन पर पाये जाने वाले सभी जानवरो में से सबसे बड़ी होती है तथा एक घोड़ा अपनी आँखों से 360 डिग्री देखने में सक्षम होता है।

घोड़ा क्या खाता है (घोड़े का आहार) :-

घोड़ा एक शाकाहारी शाकाहारी जानवर है, घोड़ा घास, भूसा तथा अनाज खाता है इसके अलावा घोड़ा चना भी खाता है, एक घोड़े को चना बहुत ही अधिक पसंद होता है तथा चना घोड़े का प्रमुख आहार भी होता हैं। घोड़ा मैदानों में उगी हुयी हरी-भरी घासों को भी खाता है। इसके अलावा घोड़े का मालिक उसे जो भी देता है घोड़ा उसे खा लेता हैं।

घोड़ा कहाँ रहता है (घोड़े का निवास स्थान) :-

घोड़ा जहाँ पर रहता है उसको हम सभी अस्तबल के नाम से जानते है अर्थात एक घोड़े का निवास स्थान अस्तबल होता है, इसके अलावा घोड़ा जंगलों, वनों तथा मैदानों में भी देखने को मिल जाता है।

घोड़े का आकर :-

घोड़े कई सारे आकारों में होते है तथा घोड़े कई प्रकार के रंगों में भी देखने को मिल जाते हैं, सफ़ेद रंग का घोडा देखने में बहुत ही सुन्दर लगता है इसके अलावा काले, लाल तथा किसी हल्के रंग के भी घोड़े देखने को मिलते हैं।

घोड़े का जीवनकाल :-

घोड़े का जीवनकाल 25-30 वर्ष का होता है अर्थात एक घोड़े की औसतन उम्र 30 वर्ष होती हैं, इसके अलावा कुछ स्थितयों में घोड़े 30 वर्ष से भी अधिक समय तक जी जाते हैं।

घोड़ा पर निबंध (Essay on Horse in Hindi) :-

घोड़ा बहुत उपयोगी जानवर होता है, घोड़ा एक पालतू तथा तेज दौड़ने वाला जानवर होता है। घोड़ा पूरे विश्व-भर में पाया जाने वाला जानवर होता हैं, घोड़े कई रंग के होते है तथा इनकी सारी नस्लें भी हैं, अरबी नस्ल के घोड़े सबसे अच्छे घोड़े माने जाते हैं । सेना में ज्यादातर अरबी नस्ल के ही घोड़े देखने को मिलते हैं। घोड़े अपने नायकों के इशारे बहुत ही जल्दी समझ जाते है, रानी लक्ष्मीबाई तथा महाराणा प्रताप जैसे वीरों की सफलता में इनके घोड़ों की भी बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।

घोड़ा एक शाकाहारी पशु होता ह जो घास, भूसा, चना तथा अनाज खाता है, घोड़े मैदानों की हरी घासों को भी चरता है। घोड़ा जहाँ पर रहता है उसको अस्तबल के नाम से जाना जाता हैं। घोड़ा बहुत ही तेज दौड़ने वाला जानवर होता है, यह पलक झपकते ही बहुत अधिक दूर तक चला जाता है।

आज के समय में घोड़े का प्रयोग बहुत ही सीमित हो गया है, आज के समय में घोड़े आजकल ताँगा खींचते हैं। ताँगा देहाती स्थानों में ज्यादा ही प्रयोग किया जाता है। घोड़ों के पैरों में नाल ठोक दिया जाता है जिससे यें पक्की सड़कों एवं पथरीले मार्गों पर भी आसानी से चल सकें तथा इनके खुरु को कोई नुकसान न हो ।आज लोग घोड़े का इस्तेमाल सवारी के लिए और बोझ ढोने में करते हैं।

आज के समय में घोड़े वैवाहिक अवसरों पर रथ में जोते जाते हैं, सजा हुआ रथ एवं सजे हुए घोड़े बहुत ही सुन्दर तथा आकर्षक लगते हैं। विवाह के अवसर पर दूल्हा रथ पर बैठता है तथा उस समय घोड़े के रथ को बहुत ही अच्छी तरह से सजाया जाता है । दूल्हा रथ पर बैठकर इतराता हुआ चलता है तथा बाराती और बाजे वाले पीछे-पीछे चलते हैं।

आज के समय में खेल-कूद में भी घोड़ों का प्रयोग किया जाता है, आज के समय में घोड़ों की दौड़ तथा पोलो खेल होता है, पोलो का खेल घोड़े पर बैठकर खेला जाता है इन खेलों में लाखों-करोड़ों के दाँव लगाए जाते हैं। घोड़े की दौड़ एलक खर्चीला खेल है इसको सिर्फ धनी लोग ही खेलते हैं।

घोड़े से सम्बंधित रोचक तथ्य :-

आईये दोस्तों अब घोड़े से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं-

  1. घोड़ा शाकाहारी जानवर होता हैं।
  2. घोड़ा 25-30 वर्ष तक जीता है अर्थात घोड़े का जीवनकाल 25 से 30 वर्ष का होता है।
  3. घोड़े के बच्चे जन्म के कुछ समय बाद से ही अपने पैरों पर चलने लगते हैं।
  4. एक नर तथा वयस्क घोड़े के मुंह में लागभग 40 दांत होते हैं।
  5. घोड़े कभी भी उल्टी नहीं कर सकते हैं।
  6. एक वयस्क घोड़े के दिल का वजन करीब 3-4 kg का होता हैं।
  7. घोड़ा अपनी आँखों से 360 डिग्री के कोण में देख सकता हैं।
  8. घोड़ा एक साथ दो स्थानों पर देख सकता हैं।
  9. दुनिया भर में घोड़े की लगभग 350 से भी ज्यादा नस्लें पाई जाती हैं।
  10. एक घोड़ा 1 दिन में कम से कम 25 गैलन तक पानी पीता हैं।
  11. एक घोड़ा जब भी किसी एक स्थान पर खड़ा होता है तो अपना एक पैर हमेशा ही ऊपर उठाए रहता हैं।
  12. खड़े होने के मुकाबले बैठने पर घोड़े की ज्यादा उर्जा की खपत होती हैं।
  13. सभी जानवरों में घोड़े की आंखें सबसे बड़ी होती हैं।
  14. घोड़े सिर्फ नाक से ही सांस लेते हैं।
  15. एक वयस्क घोड़ा 1 दिन में 10 गैलन लार का उत्पादन करता हैं।
  16. घोड़े को मीठा खाना ज्यादा पसंद होता है।
  17. जंगली घोड़े हमेशा ही ग्रुप में रहना पसंद करते है।
  18. घोड़े की लम्बाई लगभग 5 से 6 फुट की होती है।
  19. घोड़े खड़े होकर और लेटकर दोनों प्रकार से सो सकते हैं।

इसे भी पढ़ें :-

आज हमने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने घोड़े से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने Information About Horse in Hindi, Horse Information in Hindi, घोड़े से सम्बंधित जानकारी, घोड़े का आकार, घोड़े का निवास-स्थान, घोड़े का आहार, घोड़े पर निबंध, घोड़े से सम्बंधित रोचक तथ्य इत्यादि जैसी जानकारियों को प्राप्त किया।

अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो इसको अपने यार-दोस्तों के साथ भी शेयर करें (धन्यवाद)

मधुमक्खी पर निबंध |essay on honey bee in hindi

By   December 28, 2021

मधुमक्खी पर निबंध दोस्तों आज के इस लेख में मैं आप सभी को मधुमक्खी पर निबंध के बारे में पढ़ने वाले हैं मधुमक्खी से अक्सर पूछे जाने पर प्रश्न जैसे कि मधुमक्खी किस प्रकार की प्राणी  है क्या मधुमक्खी पालन करके व्यक्ति अपनी जीविका चला सकता है इस की प्रजातियां एव इस का जीवन चक्र  कैसे बनाते हैं इन सभी जानकारियों को एक आसान भाषा में हम आपको समझाने का प्रयास करेंगे तो चलिए लेख को शुरू करते हैं।

मधुमक्खी का सामान्य परिचय General introduction of bee

मधुमक्खी की गणना कीट वर्ग का  प्राणियों में की जाती है इनके द्वारा ही हमें शहद  प्राप्त होता है जोकि महत्वपूर्ण ऊर्जा के साधनों में से एक है मधुमक्खियों के अंदर एक संघ पाया जाता है इनसंघो  में से एक रानी, नर तथा  श्रमिक होते  हैं इनका निवास  छता होता है जोकि मोम से बना होता है मधुमक्खी के इतिहास के बारे में पढ़ेंगे तो पाएंगे कि इनकी उत्पत्ति मनुष्य की उत्पत्ति से पहले मानी जाती है

मधुमक्खी का वैज्ञानिक वर्गीकरण scientific classification of bees

जगत जंतु
संघ सन्धिपाद
वर्ग कीट
गण कलापक्ष
कुल एपीडी
वंश एपिस
जाति ऍपिस लिथोहर्मिया,ऍपिस नियरेक्टिका

प्रमुख प्रजातियां Major species

  • भुनगा या डम्भर (Apis melipona)
  • भंवर या सारंग (Apis dorsata)
  • पोतिंगा या छोटी मधुमक्खी (Apis florea)
  • खैरा या भारतीय मौन (Apis cerana indica)
  • यूरोपियन मधुमक्खी (Apis mellifera)

मधुमक्खी का जीवन चक्र life cycle of a bee

इनमें नर मादा एवं श्रमिक होते हैं जिनमें से मादा को रानी मधुमक्खी के नाम से जानते हैं रानी मधुमक्खी के द्वारा ही नर से  संबंध बनाकर छत्ते का निर्माण होता है इनका भी इनका जीवन चक्र की अवस्थाएं भी चार होती है जो इस प्रकार है अंडा, लार्वा, प्यूपा तथा  वयस्क।

मधुमक्खी के बारे में रोचक जानकारियां Interesting facts about bees

  • मधुमक्खियों की उड़ने की गति 20  से 22 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
  • मोम का निर्माण इनके द्वारा ही होता है।
  • मधुमक्खी के द्वारा ही शहद  की उत्पत्ति होती है जो मीठा होता है।
  • इनको अधिकतर झुंड में ही पाया जाता है।
  • मधुमक्खियों में नरो की संख्या ज्यादा होती है।

मधुमक्खी पालन से लाभ benefits of beekeeping

जैसा जैसा समय बदलता जा रहा है वैसे वैसे लोगों को रोजगार की आवश्यकता होती है आज के समय में रोजगार की बहुत कमी है यदि पैसे कमाने  की बात करें तो हम मधुमक्खी पालन के तरफ भी जा सकते हैं इनके द्वारा आप एक अच्छा सा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं इसमें आमदनी भी ज्यादा होती है अधिक मात्रा में आज के समय में लोगो की जरुरत है शहद ऐसा पोस्टिक  आहार है जिनके द्वारा बड़ी बड़ी बीमारियों को समाप्त करने में लाभदायक होती है बुजुर्गों के लिए तो यह बहुत आवश्यक होता है यदि उनको समय-समय पर शहद  दे दिया जाए तो उनके स्वास्थ्य में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रह पाती है।

मधुमक्खी पर निबंध essay on honey bee

  1. मधुमक्खी के द्वारा शहद की प्राप्ति होती है।
  2. विश्व में इसकी प्रजातियों की संख्या लगभग 21000 है।
  3. ये  लगभग 1 दिन में 20 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है।
  4. फूलों के रसों को चूसकर ये  शहद की निर्माण करती है।
  5. मधुमक्खी के छतो  में रहने वाली मधुमक्खियों की संख्या लगभग 5500 होती है।
  6. ये अपना अधिकतर समय फूलों पर ही बिताती हैं।
  7. इनके द्वारा जो मोम की प्राप्ति होती है  उसको अन्य  प्रयोग में लाया जाता है।
  8. इनके पेटो की संख्या दो होती है।
  9. इनके 5 आंखें होती हैं।
  10. इनके 6 पैर होते हैं।
  11. इनको शहद इकट्ठा करने में बहुत ज्यादा समय व्यतीत होता है।
  12. शहद को एक लंबे समय तक रखा जा सकता है।
  13. आधुनिकरण के साथ-साथ उनकी संख्या में भी कमी होती जा रही है क्योंकि आजकल जंगलों की कटाई बहुत तेजी से चल रही है।
  14. इनकी बात करने का तरीका नृत्य होता है।
  15. इनके द्वारा जो शहद  हमें प्राप्त होता है वह औषधि के लिए भी प्रयोग होता  है।
  16. सामान्य बीमारी  जैसे कि गले में खराश, खासी,  त्वचा संबंधी रोग, पेट में  समस्या इनमें शहद का प्रयोग किया जाता है।
  17. इनके द्वारा जो शहद  निर्माण की कला होती है वह अन्य मधुमक्खियों के द्वारा सिखाई जाती है।
  18. मधुमक्खियों को किसी व्यक्ति द्वारा छेड़छाड़ करने पर उनको काट लेती है जिसका असर बहुत बुरा होता है।
  19. कमजोर आदमी मधुमक्खियों द्वारा काट लिया जाने पर गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो जाता है।
  20. इनके द्वारा काटने पर अधिकतर लोगों को बुखार आ जाता है।

आपने क्या सीखा what did you learn

दोस्तों आपने इस लेख में मधुमक्खी से संबंधित प्रश्न जैसे मधुमक्खी पर निबंध, सामान्य परिचय, वैज्ञानिक वर्गीकरण, इसकी प्रमुख प्रजातियां मधुमक्खियों का जीवन चक्र क्या होता है इनके बारे में रोचक जानकारियां मधुमक्खी पालन से लाभ क्या होते हैं इन सब की जानकारी इस लेख में आपको प्रदान किया गया है मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दिए गए जानकारी सरल व आसान भाषा में है  यदि आपको किसी प्रकार की इस लेख में कमियां नजर आए तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं धन्यवाद।

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Monkey Information in Hindi (2022) | बंदरों से सम्बंधित जानकारियां

By   December 26, 2021

Monkey Information in Hindi, Information About Monkey in Hindi, बन्दर से संबन्धित जानकारी, बन्दर क्या खाता है, बन्दर का निवासस्थान, बन्दर का जीवनकाल, बन्दर से संबन्धित रोचक तथ्य इत्यादि।

आज इस आर्टिकल में हम बन्दर से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त करने वाले हैं, अगर आप बन्दर से सम्बंधित जानकारी के लिए यहाँ पर आये है तो आप सही जगह आये है आप बस हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें बंदर से सम्बंधित बहुत सारी जानकारियां मिलने वाली हैं।

Monkey Information in Hindi :-

बन्दर एक बहुत ही रोचक प्राणी होता होता है जो अपनी शारीरिक बनावट तथा अपने स्वभाव के कारण अधिक पसंद किया जाता है, ज्यादतर बन्दर जंगलों तथा पहाड़ी स्थानों पर देखने को मिलते है परन्तु कभी-कभी ये शहरो की तरफ भी आ जाते है। मदारी वाले के पास तथा चिड़ियाघर में बन्दर आपको बहुत ही आसानी से देखने को मिल जाएंगे। बन्दर एक ऐसा जीव होता है जिसका DNA मनुष्य के DNA से 98% तक मिलता है। ज्यादातर बन्दर तो शाकाहारी होते है लेकिन कुछ स्थितियों में यें कीड़ो को भी खा जाते है।

बंदर जीव पूरे विश्व भर में पाया जाता है बन्दर एक जगह से दूसरी जगह पर उछलते तथा कूदते हुए बहुत ही कमाल के लगते है, एक बन्दर बहुत ही शरारती तथा बुद्धिमान जीव होता है जिसको आसानी से पालतू बनाया जा सकता है। मनुष्यों के अलावा बन्दर ही एक ऐसा प्राणी है जो केले को उसका छिलका उतार कर खाता है, एक सामान्य बन्दर का जीवनकाल 20-35 वर्ष के मध्य में होता है। बंदर हमेशा ही झुंड में रहते है, बन्दर कई सारे रंग के होते है तथा यें अलग अलग-आकार में भी देखने को मिलते है।

बंदर के बारे में जानकारी (Information About Monkey in Hindi) :-

बंदर के चार पैर होते है परन्तु यें अपनी आगे की दोनों टांगो का इस्तेमाल हाथों की तरह करते है, आगे के दो टांगो का इस्तेमाल यें खाना खाने तथा एक डाली को पकड़कर दूसरी डाली पर छलांग लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। दुनिया भर में लगभग 260 प्रकार के बंदर पाए जाते हैं जिनमे से कुछ बन्दर कुछ बंदर ज़मीन पर रहते हैं तथा कुछ बंदर पेड़ पर रहते हैं।

ज़्यादातर बंदरों में में पूँछ देखने को मिलती हैं, दुनिया में जो सबसे बड़ा बंदर होता है उसका वज़न लगभग 35 किलो होता हैं इसके अलावा दुनिया का सबसे छोटा बंदर एक चूहे के जितना बड़ा होता है। एक बंदर फल, सब्ज़ी, पत्तियां आदि खाते हैं इसके अलावा कुछ बंदर गंदगी को भी खाते हैं। कुछ बंदरों के 36 दाँत होते हैं तथा कुछ बंदरो के 32 दाँत होते हैं।

बन्दर की शारीरिक संरचना (Body Structure of Monkey) :-

एक बन्दर के दो आंख, दो कान एक मुँह तथा चार पैर होते हैं, बन्दर के चार पैर होते है परन्तु यें अपने आगे के दो पैरों का इस्तेमाल हाथ की तरह करते हैं, आगे के दो पैर के द्वारा ये खाना खाते हैं तथा एक डाली को पकड़कर दूसरी डाली पर छलांग लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

बन्दर क्या खाता है? (बंदर का आहार) :-

एक बन्दर फल-फूल, सब्जी तथा पत्तियों को खाते हैं, इसके अलावा कुछ बन्दर कीड़े मकोड़े तथा जानवरों को भी खा जाते हैं। दोस्तों आपको बता दूँ की इंसान के बाद बंदर ही एक ऐसा जीव है जो केले को उसका छिलका निकाल कर खाता हैं, इसके अलावा कुछ बन्दर ऐसे भी होते है जो गंदगी भी खा जाते हैं।

बंदर कहाँ रहते हैं? (बंदर का निवास-स्थान) :-

बंदर जंगलो तथा पहाड़ी एरिया में ज्यादा ही पाए जाते हैं, इसके अलावा कभी-कभी बन्दर शहरो तथा गाँवों की तरफ भी चले आते है जिससे येन गाँव तथा शहरों में भी देखने को मिल जाते हैं। वैसे ज्यादातर बन्दर आपको घने जंगलों में ही देखने को मिलेंगे क्यूंकि एक जंगल इनके रहने का सबसे अच्छा निवास-स्थान होता हैं तथा जंगल में इनको रहने तथा खाने पीने की सारी चीजें आसानी से मिल जाती हैं।

बन्दर का रंग :-

बंदर कई सारे रंगो तथा भिन्न-भिन्न आकारों में देखने को मिल जाते हैं, किसी किसी बंदर का मुँह काला होता है तथा किसी किसी बंदर का मुँह लाल होता हैं।

बंदर का जीवनकाल :-

एक बंदर का जीवनकाल 20 से 35 वर्ष के मध्य में होता हैं अर्थात एक बंदर अधिकतम 35 वर्षों तक जिन्दा रह सकते हैं, एक बंदर की औसतन आयु 20-35 वर्ष की होती हैं।

बंदर से सम्बंधित रोचक तथ्य :-

आईये दोस्तों अब बंदर से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं-

  • एक बंदर दूसरे बंदर से बात इशारों में बात करता है।
  • विश्व के सबसे छोटे बन्दर का नाम “Pygmy Marmoset” है, इस बन्दर की लंबाई 4 इंच और वजन 100 ग्राम होता है।
  • एक बंदर का नाम ‘Howler’ होता जिसकी चीख 5 किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती है।
  • बंदर का डीएनए मानव के डीएनए से 98% तक मिलता है।
  • मनुष्य के अलावा बन्दर ही एक ऐसा प्राणी है जो केले को उसका छिलका निकल कर खाता है।
  • अब तक बंदरों की 264 प्रजातियों को खोज लिया गया है।
  • एशिया तथा अफ्रीका के प्राचीन बन्दरो में 32 दांत तथा अमेरिका के बन्दरो में 36 दांत होते है।
  • कुछ बंदर ऐसे होते जो अपने खाने को धोकर खाते हैं।
  • बंदर अपने आपको आइने में देखकर पहचान जाते हैं।
  • कुछ बंदरों ऐसे होते है जिनको बारिश के मौसम में बहुत छींक आती हैं।

Frequently Asked Questions (FAQ’s) :-

Qus 1: सबसे बड़ा बंदर का नाम क्या है?

Ans: सबसे बड़े बंदर का नाम ‘चकमा बबून’ होता है तथा इस बंदर की लंबाई 120 सेमी (47 इंच) तथा वजन 40 किलोग्राम होता है।

Qus 2: बंदर की आयु कितनी होती है?

Ans: एक बन्दर का जीवनकाल 20-35 वर्ष के मध्य का होता है, जबकि कुछ स्थितयों में कुछ बंदर इससे अधिक भी जी जाते हैं।

Qus 3: बंदर का प्राचीन नाम क्या था?

Ans: पहले के समय में बंदर का नाम कुछ और ही होता था, अंतरिक्ष में भेजे गए पहले बंदर का नाम अल्बर्ट था।

Qus 4: बंदर की क्या आदत होती है?

Ans: बंदरों का स्वभाव शरारती होता है तथा ये दयालु भी होते है, बंदर अपनी दया लोगो तथा दूसरे जानवरों पर दिखाते है, कई बार बंदरो को जानवरों की सेवा करते भी देखा गया है, जिसमे कई बार खरगोश जैसे शाकाहारी जानवरों के लिए पेड़ो से पत्ते को नीचे गिराकर उनको भोजन देते हुए देखा गया है।

Qus 5: दुनिया का सबसे छोटा बंदर कौन सा है?

Ans: सबसे छोटे बंदर का नाम ‘गिनी बबून’ होता है जिसकी लंबाई 50 सेंटीमीटर (20 इंच) तथा वजन केवल 14 किलोग्राम (31 पौंड) ही होता हैं।

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आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने बंदर से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने Monkey Information in Hindi, Information About Monkey in Hindi, बन्दर से संबन्धित जानकारी, बन्दर क्या खाता है, बन्दर का निवासस्थान, बन्दर का जीवनकाल, बन्दर से संबन्धित रोचक तथ्य इत्यादि जैसी जानकारियों को प्राप्त किया।

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Information about butterfly in hindi|तितली के बारे में जानकारी हिंदी में

By   December 26, 2021

तितली के बारे में दोस्तों आज के इस लेख में हम तितली से संबंधित जानकारियां जैसे इसकी लंबाई इसका निवास इसका रंग रूप अनेक जानकारियां है जो सामान्य व्यक्ति को ज्ञात नहीं होती है इसलिए हमारी यह प्रयास है कि तितली परी विस्तृत लेख लिखा जाए और आप सबके सामने प्रस्तुत किए जाएं इस लेख में हमने तितली  पर निबंध को भी आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया है चलिए आगे पढ़ते हैं

तितली का परिचय

तितली एक ऐसी प्राणी है जिसको सब जगह देखा जाता है यह देखने में बहुत सुंदर होती है इनका मुख्य भोजन फूलों के रस से होता है इनकी पंखों की बात करें तो कई रंगों में दिखाई देते हैं इनका शरीर तीन भागों में दिखाई देता है शीर्ष और वक्ष उदर ,इनकी आंखें संयुक्त होती है

इनके अंदर एंटीना पाया जाता है जिसकी मदद से एक किसी भी गंध को आसानी से पता करती हैं यह  प्राणी एक लिंगी होती है अथार्थ  एक लिंगी का आशय यह है कि इनमें नर अलग होते हैं और मादा अलग होती है इनमें से मादा अंडा देती है जोकि पति के नीचे वाली सतह पर देती हैं अंडों से ही एक नए कीट की उत्पत्ति होती है जिनको हम कैटरपिलर लारवा के नाम से जानते हैं

इनका भी मुख्य भोजन पेड़ पौधे की पते ही  होती हैं कुछ ही समय बाद प्यूपा का रूप  ले लेती है अथार्थ  छोटी तितलियों का रूप इन के अंदर दिखाई देने लगता है इनके दिमाग की बात करें तो बहुत ही तेज होता है

जैसे कि देखने में सुनने में स्वाद चखने में उड़ने में अधिक  क्षमता होती है जो इनके अंदर पाई जाती है बाद बड़े होने के बाद यह दोबारा पेड़ के आसपास आ जाते हैं जहां से इनका प्रारंभिक जीवन शुरू हुआ होता है

वैज्ञानिक वर्गीकरण

जगत पशु
संघ आर्थ्रोपोडा
वर्ग इन्सेक्टा
गण लेपीडोप्टेरा
अश्रेणीत रोपैलोसेरा

तितली का निवास स्थान butterfly nest

अब आइए इनके निवास स्थान के बारे में देख लेते हैं इनको पेड़ पौधों के पत्तियों के ऊपर रस को चूसते हुए देखा जाता है अधिकतर गर्मियों के मौसम में दिखाई देती है इनका मुख्य पेड़ पौधे होते हैं

तितली की शारीरिक संरचना body structure of butterfly

इनकी शारीरिक संरचना बहुत ही सरल होता है इनमें पैरों की संख्या 6 होती है जबकि 4 पंख 2  आंखें तथा एक सूंड दिखाई देती है तितलियों की पंखों की रंग की बात करें तो कई रंगों में दिखाई देती हैं अथार्थ  इनके पंख  रंग बिरंगी होते हैं

तितलियों का जीवन चक्र life cycle of butterflies

इनके जीवन चक्र की अवस्थाएं चार होती है

  1. अंडा Egg
  2. लार्वा Larva
  3. प्यूपा Pupa
  4. तितली Butterfly

अंडा Egg

सबसे पहला चरण में अंडे की उत्पत्ति होती है जिनमें करीब इनकी संख्या 380 से 420 कि लगभग होती है अंडे एक समूह के रूप में होते हैं अंडा देने के लिए भी  तितलियां एक अलग प्रकार की पेड़ पौधों की चुनाव करती है  क्योंकि कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिनके पत्तों पर इनके अंडो की नष्ट होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं इसलिए अधिकतर ये  उन पौधों का ज्यादा पसंद  करती है जिन का रंग हरा. नारंगी. पीला .दिखाई देता है इनमें नर और मादा की तुलना करें तो पाएंगे कि नर की संख्या मादा की संख्या से कई गुना ज्यादा होता है

लार्वा Larva

लगभग  8 दिन बाद अंडा  से लार्वा  बनने की प्रक्रिया शुरू होती है लारवा का भोजन भी अंडो के ऊपरी कवच से ही प्राप्त होता है लार्वा  अधिक से अधिक पौधों की पत्तियों को ही खाता है

प्यूपा Pupa

3 दिनों बाद Larva , से प्यूपा Pupa का रूप दिखाई देने लगता है यह वह अवस्था होता है जहा से छोटी तितली बनती है

तितली Butterfly

इस अवस्था में छोटी तितलिया उड़ने लायक हो जाती है उसके बाद ये फुल की रसो का स्वाद चूसने के काबिल भी हो जाती है

तितली के बारे में रोचक जानकारी Interesting information about butterfly

  • यह प्राणी सभी जगहों पर पाई जाती है
  • इसकी उत्पत्ति फूलों से मानी जाती है
  • यह लगभग 28000 प्रकार की होती हैं
  • एक तितली की आयु 1 वर्ष की होती है
  • अंटार्कटिक महासागर को छोड़कर लगभग सभी महाद्वीपों पर इनकी उपस्थिति है
  • इनको स्वाद चखने की क्षमता इनके पैरों में ही होता है
  • पिपलिया दिन में अपनी भोजन की खोज करती हैं अधिकतर धूप में इधर उधर मडराना  रहना पसंद करती हैं

तितली पर निबंध Essay On Butterfly

  1. तितलियां देखने में बहुत ही सुंदर वह आकर्षक दिखाई देती हैं
  2. इनका जीवन का बहुत कम समय के लिए होता है
  3. ये 1 दिन में कई किलोमीटर दूरी कर लेती हैं
  4. इनके शरीर के ऊपर एक कंकाल होता है जो इनकी सुरक्षा करता है
  5. इनको कई रंगों में देखा जाता है जैसे लाल नीला पीला हरा
  6. इनमें सुनने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है।
  7. नरो की संख्या मादा  से ज्यादा होता है
  8. जब ये  गुनगुनाती है बहुत सुंदर लगता है
  9. तितलियों की देखने की क्षमता भी बहुत ज्यादा होती है
  10. मौसम में जैसा जैसा परिवर्तन होता है इनकी संख्या में कमी होने लगती है
  11. पैरों की संख्या चार होती है
  12. इनके जीवन चक्र के चार चरण होते हैं अंडा, लार्वा, प्यूपा, तितली
  13. जैसे-जैसे तापमान कम होता है इनकी उड़ने की छमता वैसे ही कम होती जाती है
  14. कुछ  तितलियां जहरीली भी होती हैं जैसे monarch butterfly
  15. इनके अंडों की संख्या लगभग 400 के आसपास होती है
  16. ये सुन नहीं सकती लेकिन यह महसूस कर सकती हैं
  17.  ये अपना भोजन फूलों पेड़ पत्तों के रसों से प्राप्त करती हैं
  18. इनकी सुंदरता के कारण ही लोग अपने आसपास फूलों को लगाते हैं जिससे कि यह आकर वहां बैठे
  19. आज के समय में जैसे-जैसे रसायन का प्रयोग हो रहा है इनकी संख्या में भी कमी देखी जा रही है
  20.  ये अधिकतर गर्मियों के मौसम में ही पाई जाती हैं

आपने क्या सीखा

दोस्तों आज के इस लेख में हमने तितली से संबंधित जानकारियों का एक विस्तृत लेख कवर  किया है जैसे इस लेख में हमने  आपको निम्नलिखित बिंदु पर चर्चा किया है जैसे कि तितली का परिचय इसके वैज्ञानिक वर्गीकरण इसका निवास स्थान के बारे में इस की संरचना इनके बारे में रोचक जानकारियां समझाने का प्रयास किया है मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी  स्पष्ट आसान भाषा में  है मैं आशा करता हूं कि सबको पसंद आएगा यदि यदि कोई कमी मिले तो आप  हमें comment कर सकते हैं

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Information About Owl in Hindi | उल्लू से सम्बंधित जानकारियां

By   December 25, 2021

Information About Owl in Hindi, Owl Information in Hindi, उल्लू की संरचना, उल्लू का निवास स्थान, उल्लू का आहार, उल्लू का समूह, उल्लू की नज़र, उल्लू से सम्बंधित रोचक तथ्य इत्यादि।

आज इस आर्टिकल में हम उल्लू से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त करने वाले है, अगर आप उल्लू से सम्बंधित जानकारी के लिए यहाँ पर आये है तो आप सही जगह आ गए, आप बस हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें आपको उल्लू से सम्बंधित बहुत सारी जानकारियां मिलने वाली हैं।

Information About Owl in Hindi :-

दोस्तों उल्लू एक ऐसा पक्षी है जो अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के हर एक कोने में पाया जाता है, उल्लू एक बड़ा ही रोचक पक्षी है कुछ लोग उल्लू को मूर्ख पक्षी भी बोलते परन्तु दोस्तो यह मूर्ख नही होता है। पूरे विश्व भर में उल्लू की लगभग 200 से भी ज्यादा प्रजातियां होती है जिनमे से भारत देश में उल्लू की सबसे अधिक प्रजातियां पायी जाती है।

दोस्तों आपको बता दूँ कि उल्लू बिना अपना शरीर हिलाये अपनी गर्दन को 270 डिग्री तक घुमा सकता है। उल्लू Three Dimension में देख सकता है अर्थात यह किसी भी चीज की लंबाई, ऊंचाई तथा चौड़ाई को देख सकता है। उल्लू की आंखे नही घूमती है यही वजह है कि उल्लू देखने के लिए अपने पूरे सर को ही घुमा देता है। उल्लू की आंखे गोल-गोल तथा बड़ी-बड़ी होती है।

एक उल्लू लगभग 30 वर्ष तक जीता है अर्थात एक उल्लू का जीवनकाल औसतन 30 वर्ष का होता है। उल्लू पक्षी की सुनने की क्षमता बहुत ही तेज होती है। इसके अलावा उल्लू रात के समय में जागता है तथा दिन में सोता है क्यूंकि उल्लू को दिन में कम दिखाई देता है। यही वजह है की दिन में उल्लू बहुत कम देखने को मिलते हैं।

उल्लू के बारे में जानकारी (Owl Information in Hindi) :-

उल्लू हल्के भूरे रंग का पक्षी होता है जिसकी दो बड़ी-बड़ी आंखे होती है तथा उल्लू का चेहरा सपाट सा होता है। उल्लू का वैज्ञानिक नाम है ‘स्त्रिगिफॉर्मेस’ होता है, उल्लू के कान अलग-अलग आकार के होते हैं। उल्लू पक्षी को बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है तथा उल्लू धन की देवी लक्ष्मी का वाहन है।

उल्लू के पंजो में मूड़े हुए तथा बहुत ही नुकीले नाखुन होते हैं जिसकी मदद से वें शिकार को पकड़ते है। उल्लू के कान बहुत ही संवेदनशील होते हैं तथा यें अपने शिकार की हरकतों को महसूस करके उन्हें पकड़ते है। उल्लू ही एकमात्र ऐसा पक्षी होता है जो नीले रंग को भी देख सकता है।

उल्लू के पंख चौड़े होते है जिससे उड़ते समय वें ज्यादा आवाज नहीं करते है। उल्लू ज्यादातर मछलियों को खाना पसंद करते हैं इसके अलावा यें सांप तथा दूसरे उल्लुओं को भी खा जाते हैं। उल्लू पक्षी दूसरे पक्षियों के मुकाबले में बहुत ही शांत पक्षी होते हैं तथा उल्लू पक्षी ज्यादातर अकेले में रहना पसंद करते हैं। उल्लू एक बार में 3-6 अंडे देता है।

उल्लू की शारीरिक संरचना (Body Structure of owl in Hindi) :-

उल्लू पक्षी की दो कान, दो बड़ी-बड़ी आंखें होती है जोकि दिखने में काफी डरावनी होती है, इसके अलावा उल्लू के पंख होते है जोकि चौड़े होते है तथा उड़ते समय बिलकुल भी आवाज नहीं करते हैं, उल्लू के एक चोंच भी होती है तथा उल्लू के पंजो में मूड़े हुए तथा बहुत ही नुकीले नाखुन होते हैं जिसकी मदद से वें शिकार को पकड़ते है।

उल्लू क्या खाता है (उल्लू का आहार) :-

उल्लू पक्षी मछलियों को खाना ज्यादा ही पसंद करते है, मछलियों के अलावा यें छोटे-छोटे कीटों, चूहों, छछूंदर, खरगोश इत्यादि को खाता है तथा इसके अलावा उल्लू सांप तथा मरे हुए उल्लूओं को भी खा लेता है। उल्लू एक मांसाहारी पक्षी होता है ये अपने भोजन के लिए दूसरे जानवरों का भी शिकार करते हैं।

उल्लू कहाँ रहता है (उल्लू का निवास स्थान) :-

उल्लू पक्षी भिन्न-भिन्न प्रकार के स्थानों पर पाए जाते है, उल्लू वनों, पहाड़ों, रेगिस्तान तथा खुल्ले मैदानों में भी पाए जाते हैं। इसके अलावा बर्फीला उल्लू उत्तरी गोलार्द्ध के ठन्डे स्थानों पर भी पाए जाते है।

उल्लू का जीवनकाल :-

एक उल्लू लगभग 20-30 वर्षों तक जीता है अर्थात एक उल्लू का जीवनकाल औसतन 30 वर्ष का होता हैं।

उल्लू से सम्बंधित रोचक तथ्य :-

उल्लू से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्य निम्न प्रकार से हैं-

  • उल्लू पक्षी को दिन की अपेक्षा रात में ज्यादा दिखाई देता है।
  • अंटार्कटिका को छोड़कर उल्लू पक्षी दुनिया के लगभग हर एक भागों में पाया जाता है।
  • उल्लू पक्षी अपनी गर्दन को 270° तक घुमा सकता है तथा अपने पीछे खड़े व्यक्ति को बिना मुड़े सिर्फ गर्दन घुमा कर ही देख सकता है।
  • उल्लू ही एक ऐसा पक्षी है जो नीले रंग को देख सकता है।
  • विश्व भर में उल्लूओं की 200 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है।
  • एक मादा उल्लू, नर उल्लू से अधिक रंगीन होती हैं।
  • उल्लू पक्षी अकेले में रहना ज्यादा पसंद करते हैं।
  • मादा उल्लू एक बार में 3-6 अंडे देती है।
  • नर उल्लू, मादा उल्लू से छोटे होते है।
  • उल्लुओं के समूह को पार्लियामेंट के नाम से जाना जाता है।
  • ज्यादातर उल्लू अपने बच्चों को दूसरे पक्षियों के घोसलें में रखते हैं।
  • उल्लू के बच्चे जन्म के 7 सप्ताह बाद ही उड़ने के लायक हो जाते है।
  • सयुंक्त राज्य अमेरिका में उल्लू पक्षी को पालना गैरकानूनी माना जाता है आप वहां उल्लू पक्षी को नहीं पाल सकते हैं।

Frequently Asked Questions (FAQ’s) :-

Qus 1: उल्लू की क्या पहचान है?

Ans: उल्लू चित्तीदार रंग का एक पक्षी होता है जिसकी आँखे बहुत बड़ी-बड़ी तथा दिखने में काफी डरावनी होती हैं, उल्लू को दिन के मुकाबले रात में ज्यादा अच्छी तरह से दिखता हैं।

Qus 2: उल्लू कहाँ रहता है?

Ans: उल्लू पक्षी जंगलो, पहाड़ों तथा मैदानों में रहते है, उल्लू अंटार्कटिका को छोड़ दुनिया में और सभी जगहों पर पाए जाते हैं।

Qus 3: उल्लू कितना बड़ा होता है?

Ans: दुनिया का सबसे छोटा उल्लू 5-6 इंच तथा दुनिया का सबसे बड़ा उल्लू 32 इंच का है।

Qus 4: उल्लू की उम्र कितनी होती है?

Ans: उल्लू की औसतन उम्र 30 वर्ष की होती है परन्तु किसी किसी स्थानों पर उल्लू इससे अधिक वर्षो तक भी जी जाते है।

Qus 5: उल्लू का महत्व क्या है?

Ans: उल्लू पक्षी को देवी लक्ष्मी जी का वाहन माना जाता है, उल्लू को लेकर समाज में तरह-तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। शकुन शास्त्रानुसार उल्लू का दिखना कई स्थानों पर शुभ माना जाता है तो कई स्थानों पर अशुभ माना जाता है।

इसे भी पढ़ें :-

आज हमने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने उल्लू से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने Information About Owl in Hindi, Owl Information in Hindi, उल्लू की संरचना, उल्लू का निवास स्थान, उल्लू का आहार, उल्लू का समूह, उल्लू की नज़र, उल्लू से सम्बंधित रोचक तथ्य इत्यादि जैसी जानकारियों को प्राप्त किया।

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हिरण से सम्बंधित जानकारियां | Deer Information in Hindi

By   December 24, 2021

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आज इस आर्टिकल में हिरण से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त करने वाले है, अगर आप हिरण से सम्बंधित जानकारी के लिया यहाँ आये है तो आप सही जगह आये है आप बस हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़े आपको हिरण से सम्बंधित बहुत सारी जानकारियां मिलने वाली है।

Deer Information in Hindi :-

हिरण एक स्तनधारी जीव होता हैं तथा यह दुनिया के लगभग हर एक भागों में पाया जाता है, हिरण एक बहुत ही फुर्तीला तथा शाकाहारी जानवर होता है। हिरण बड़ी-बड़ी आँखों वाला, सुंदर खाल तथा शाखा जैसी सींगों वाला एक ख़ूबसूरत जीव होता है। हिरण की दौड़ने की रफ़्तार औसतन 40 किलोमीटर/घंटे की होती है तथा यह लगभग 10 फीट लंबा छलांग भी मार सकता है।

हिरण ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर लगभग हर जगह पाया जाता है, हिरण आंखें बहुत ही अधिक सुंदर तथा आकर्षक होती है। हिरण हमेशा ही चौकन्ना रहता है तथा मनुष्यों की तुलना में यह उच्च आवृत्ति की ध्वनि को भी सुन सकता है। हिरण की सुनने तथा सूंघने की शक्ति बहुत ही ज्यादा होती है।

नर हिरण तथा मादा हिरण में सिर्फ इतना अंतर होता है कि नर हिरण के लंबे-लंबे सींग होते हैं परंतु मादा हिरण के कोई सींग नहीं होता है, मादा से संभोग के लिए दूसरे नर से लड़ाई होती है और विजयी को मादा के साथ संभोग करने का सुख प्राप्त होता है।

हिरण से सम्बंधित जानकारी (Information About Deer in Hindi) :-

हिरण एक बहुत ही सुंदर प्राणी होता है जो अपनी सुंदर आंखों के कारण पुरे विश्व में जाना जाता है। इसके अलावा हिरण की दो आंखे, दो कान और चार टांगे होती है। हिरण का रंग हल्का भूरा होता है तथा इनके शरीर पर सफेद रंग की गोल धारियां होती है, हिरन अपनी आंखों से 300 डिग्री तक देख सकता है। हिरण एक पूर्णतया शाकाहारी प्राणी होता है तथा यह हिरण भोजन में घास और छोटे पौधे खाते है।

मादा हिरण बसन्त के ऋतु में बच्चों को जन्म देती है तथा मादा हिरण एक बार में 1 या 2 देती है। जन्म के कुछ ही देर बाद हिरणका बच्चा चलने लगता है, मादा हिरण को हिरनी के नाम से भी जाना जाता है। हिरण पानी मे भी अच्छी तरह तैर सकता है, इनके सूंघने की शक्ति बहुत ही मजबूत होती है। एक हिरण औसतन 18 से 20 वर्ष तक जीता है। हर साल हिरण अपने सींगों को गिरा देता है तथा हर साल उसके नए सिंग उग जाते है।

नर हिरण को हम Buck के नाम से भी जानते है जबकि मादा हिरण को Doe कहा जाता है। इसके अलावा हिरण के बच्चे को Fawn के नाम से जाना जाता है। हिरण हमेशा ही झुंड में देखने को मिलता है जिसे Herd कहा जाता है।

हिरण मुख्यतः दो परिवार-समूह से संबंधित होती हैं-

  1. पहला Cervidae, इसमें मंटक, एल्क (वेपिटी), परती हिरण और चीतल शामिल हैं।
  2. दूसरा Capreolinae, इसमें बारहसिंघा, रो हिरण और मूस शामिल हैं।

हिरण की शारीरिक संरचना (Body Structure of Deer in Hindi) :-

हिरण के चार लंबे पैर, दो आंखें, दो कान, एक मुँह तथा एक छोटी पूंछ होती है। हिरण का पैर बहुत ही अधिक मजबूत होता है जिसकी वजह से यह बहुत ही तेज दौड़ता है और लंबी छलांग लगाता है। हिरण लगभग 40 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है तथा लगभग 10 फीट लंबा छलांग मार सकता है।

नर के सर पर सींग पाया जाता है, इसकी सींग इतनी मजबूत होती है की उससे यह शेर की भी हड्डी तोड़ सकता है। हिरण की आंखें सभी स्तनधारी जानवरों से बड़ी ही होती है तथा दिखने में बहुत ही अच्छी लगती है, इसके अलावा हिरण के पेट में चार कक्ष बने होते हैं जो पाचन क्रिया अथवा जुगाली में सहायक होते है।

हिरण का आहार :-

हिरण एक शाकाहारी जानवर है तथा यह एक ऐसा जानवर है जिसका सर्दियों में अलग भोजन तथा गर्मियों में अलग भोजन अलग होता है। गर्मियों के मौसम में हिरण घास-पूस, पत्तियां, फल-फूल इत्यादि खाना पसंद करता है तथा सर्दियों के मौसम में हिरण पेड़ों के शाखाओं तथा छालों को खाना पसंद करता है।

हिरण का निवास स्थान (Habitat of Deer) :-

हिरण पृथ्वी पर मौजूद एक ऐसा जीव है, जो हर जगह पर तथा हर परिस्थिति में पाया जाता है अर्थात हिरण जीव हर-एक महाद्वीपों में पाया जाता है परंतु हिरण ऑस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका में नहीं पाया जाता है। परन्तु हिरण बड़े-बड़े घास के मैदानों में रहना ज्यादा ही पसंद करता है, आपको बता दूँ की प्रत्येक हिरण के झुंडों का अपना एक क्षेत्र होता है जोकि लगभग 30 मील तक फैला हो सकता है।

हिरण का रंग (Colour of Deer) :-

हिरण का रंग उसको मनमोहक तथा अन्य जानवरों से भिन्न और खूबसूरत बनाता है, साधारणतः हिरण हल्के भूरे रंग के होते है तथा उनके पूरे शरीर पर सफेद रंग की धारियां बनी हुयी होती है। हिरण के बच्चे के शरीर में जन्म के समय सफेद रंग का धब्बा होता है जो उसको आसपास के परिस्थिति में छिपे रहने में मदद करता है।  इसके बाद बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है, उसके शरीर में बना हुआ धब्बा भी मिटता हुआ चला जाता है।

हिरण की जीवनशैली (Lifespan of Deer) :-

हिरण की जीवन-शैली बाकी अन्य शाकाहारी जानवरों के समान ही होती है परंतु हिरण अन्य जानवरों से फुर्तीला तथा चंचल होता है, हिरण अपने जीवनकाल का लगभग अपना आधा समय खाने में ही बिता देता है।

हिरण का जीवनकाल :-

एक हिरन का जीवनकाल 18 से 20 वर्षों का होता हैअर्थात एक हिरण औसतन 18 से 20 वर्षो तक जीता है।

हिरण का प्रजाति (Species of Deer) :-

पुरे दुनिया भर में हिरण की 60 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है जो भिन्न-भिन्न भागों तथा जलवायु में पायी जाती है। हिरण की कुछ प्रमुख प्रजातियों के नाम निम्न प्रकार से हैं-

  • Moose
  • White Tailed Deer,
  • Mule Deer
  • Elk
  • Earibou
  • Red Deer
  • Pudu etc

हिरण में सबसे छोटे प्रजाति के हिरन का नाम Southern Pudu होता है जिसका वजन मात्र 9kg तथा इसकी लंबाई लगभग 36 सेंटीमीटर तक होती है। हिरण की सबसे बड़ी प्रजाति के हिरन का नाम Moose होता है जो लगभग 6.5 फीट लंबा तथा 820kg वजन का होता है।

हिरण की विलुप्त हो रही प्रजातियों के नाम :-

हिरण की विलुप्त हो रही प्रजातियों के नाम निम्न प्रकार से है-

  • Hog Deer
  • Calamian Deer
  • Persian Fallow Deer
  • Bawean Deer etc.

हिरण से सम्बंधित रोचक तथ्य :-

हिरण से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्य निम्न प्रकार से है-

  • पुरे विश्व भर में हिरण की कुल लगभग 60 से भी अधिक प्रजातियाँ है।
  • ऑस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका महाद्वीपों पर हिरण नहीं पाया जाता है।
  • हिरणों की 60 प्रजातियों में से केवल एक प्रजाति reindeer ही पालतू है।
  • हिरण की आँखें उनके सिर के किनारों पर होती हैं तथा यें उसे 310 डिग्री तक घुमाकर आस-पास के दृश्य को बहुत ही आसानी देख सकते है।
  • हिरण की रात में सब कुछ बहुत अच्छे प्रकार से देख सकते है।
  • हिरणों की सूंघने की शक्ति बहुत ही अधिक होती हैंजिसकी मदद से यें दूर से ही शिकारियों का पता लगा लेते हैं।
  • हिरण अपने पैर और खुरों पर स्थित ग्रंथियों से एक गंध उत्पन्न करते हैं जिससे वें अपने निवास का पता लगते है
  • मादा हिरण अपने बच्चों को झाड़ियों में छुपा कर रखती हैं तथा दिन भर में लगभग 6 बार उन्हें अपना दूध पिलाती हैं, हिरण अपने बच्चे को 1 से 2 साल तक अकेला नहीं छोड़ते है अऊ उनके बच्चे अपनी माँ के पास ही रहते है।
  • हिरण एक बहुत अच्छे तैराक भी होते हैं तथा यें पानी में बहुत ही आसानी से तैर सकते है।
  • जब हिरण को खतरों का एहसास होता है तो वे अन्य हिरणों को चेतावनी देने के लिए अपनी पूंछ को ऊँचा कर लेते हैं।

Frequently Asked Questions (FAQ’s) :-

Qus 1: हिरण क्या खाता है?

Ans: हिरण एक शाकाहारी जीव या यह छोटे-छोटे पौधे तथा पत्तियाँ खाता है।

Qus 2: हिरण कैसे आवाज निकालता है??

Ans: हिरण कुत्ते की तरह भौंकने जैसी ही आवाज निकालता है इसीलिए इसको ‘भौंकने वाला हिरण’ या ‘बार्किंग डिअर’ के नाम से भी जाना जाता है।

Qus 3: हिरण कितने बच्चे देती है?

Ans: हिरण एक बार में 1 से 2 बच्चो को जन्म देती है।

Qus 4: हिरण की कितनी उम्र होती है?

Ans: हिरण की जीने की औसतन उम्र 10 से 15 वर्ष होती है।

Qus 5: सबसे बड़ा हिरण कौन सा है?

Ans: दक्षिण तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में पाए जाने वाले सबसे बड़े हिरण का नाम “साम्भर” (Rusa unicolor) होता है।

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आज हमने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने हिरण से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने Deer Information in Hindi, Information About Deer in Hindi, Deer in Hindi, हिरण के बारे में जानकारी, हिरण की बनावट, हिरण का निवास स्थान हिरण का आहार, हिरण की प्रजाति तथा इसके अलावा हिरण से सम्बंधित और भी बहुत सारी जानकारियों को प्राप्त किया।

Information about duck in hindi | बतख की जानकारी हिंदी में

By   December 24, 2021

बत्तख के जीवन काल, भोजन. निवास.Duck’s Lifetime Food Habitat  आज के इस लेख  information about duck in hindi  में हमने बत्तख के बारे में जितना भी जानकारी होनी चाहिए हमने बताने का प्रयास किया है बत्तख से संबंधित प्रश्न जैसे बत्तख के भोजन क्या होते हैं बत्तख कहां रहना पसंद करता है क्या इसके लिए पानी बहुत जरूरी होता है

बत्तख की उम्र क्या होती है इन सब के बारे में विस्तार से इस लेख में पढ़ेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

बत्तख का परिचय Introduction to Duck

बत्तख हंस से छोटे आकार का पक्षी है बत्तख की गर्दन की बात करें तो हंस से  काफी छोटा होता है यह  पानी में पाए जाने वाली पक्षी है बत्तख की कई प्रजातियां हैं जैसे कि मोनोफेलटिकयह  देखने में सुंदर दिखती है

आज के समय में लोग अपने व्यवसाय के लिए इनको पालते हैं इनसे मांस एव  अंडे प्राप्त होते हैं इनका निवास तलाब छोटे झीलों  आदि में होता है अधिकतर पानी वाली जगह पर पाए जाते हैं

वैज्ञानिक वर्गीकरण

जगत जंतु
संघ रज्जुकी
वर्ग पक्षी
गण ऐन्सरीफोर्मीस
कुल अनैटिडाए

बत्तख के बारे में रोचक जानकारी Interesting information about ducks

  • बत्तख की प्रजातियां विश्व में 40 प्रकार की होती हैं
  • जिनको अधिकतर पानी में ही पाया जाता है
  • बत्तख की गर्दन की बात करें तो इनकी गर्दन छोटी होती है
  • तैरने  के लिए इनके पैरों में जो पंजे होते हैं वह जालीदार होते हैं
  • जिनसे इनको काफी मदद मिलती है

बत्तख का भोजन क्या होता है  what is duck food

बत्तख की भोजन के बारे में देख लेते हैं बत्तख सर्वाहारी होते हैं जो दिखता छोटे मकड़ी छोटी मछलियों  आदि को खाने में ज्यादा इंटरेस्ट रखते हैं ये 1 दिन में लगभग 200 ग्राम भोजन करते हैं इनका खाना इनके वजन व क्रियाकलापों पर निर्भर करता है

यदि कोई बतख को  अपने व्यवसाय के लिए पाला जाता है तो उसका भोजन अलग होता है और सामान्य बतख का भोजन अलग होता है

बत्तख  का जीवन  duck life

सामान्य तौर पर इनका जीवन काल 8 से 10 वर्ष की होती है यदि किसी कारणवश बीच में बीमार पड़ जाते हैं तो इनके जीवन कालों में 1 या  2 साल का अंतर हो जाता है क्योंकि ये  पक्षी  पानी में रहने वाले होते हैं और जब भी बीमार होते हैं इनका शरीर कमजोर हो जाता है जिसके चलते इनकी उम्र में एक दो साल की कमी हो सकती है

बत्तख को कैसे पाला जाता है how to breed duck

आज के समय में बत्तख की व्यवसाय में भी काफी बढ़ोतरी हुई है हम बता दें कि आज के समय में इनका उत्पादन भी बड़ी मात्रा में हो रही है इसका मुख्य कारण है कि इनके द्वारा अधिक मात्रा में मांस  अंडे आदि की पूर्ति हो रही है जिसके लिए लोग इन को पालने लगे हैं

इन को पालने के लिए सबसे पहले आपके पास पानी का साधन होना चाहिए जिसमें एक लंबे समय तक पानी रहे  क्योंकि यह पक्षी पानी में ही रहते हैं उसके बाद इनके खाने के लिए दाने छोटे कीड़े छोटी मछलियां आदि का होना जरूरी है

बत्तख के अंडे के फायदे Benefits of Duck eggs

बत्तख के अंडे मुर्गी के अंडे से दोगुने आकार में होते हैं इनके अंडे सफेद होते हैं इनके अंडों में बड़ी मात्रा में कैल्शियम मैग्नीशियम आयरन विटामिन  आदि पाए जाते हैं जोकि काफी लाभदायक होते हैं इसलिए लोग आज के समय में ज्यादा पालने लगे हैं

बतख पर निबंध हिंदी में Essay on Duck in Hindi

  1. बतख एक पक्षी है जो देखने में बहुत सुंदर लगती है
  2. इनका निवास स्थान एवं पालन पोषण पानीयो में ही होता है
  3. इनकी प्रजातियों की संख्या लगभग 40 है
  4. इनको देखने में हंस के जैसा ही दिखाई देते हैं लेकिन इनका गर्दन हंस की तुलना में छोटा होता है
  5. यह सर्वाहारी होते हैं
  6. इनकी वजन की बात करें तो औसतन 800 ग्राम होते हैं
  7. आंखों में पलकों की संख्या तीन होती है
  8. इनका जीवन काल 8 से 10 के बीच होता है
  9. इनकी ऊंचाई औसतन 70 सेंटीमीटर होती है
  10. इनके बच्चे अंडों से लगभग 27 से 30 दिनों में निकलते हैं
  11. इनमें भी कई नस्ल होते हैं
  12. बत्तख एक 1 साल  में लगभग 250 से 300 तब अंडा  देती है
  13. बत्तख को अंग्रेजी भाषा में duck  के नाम से जानते हैं
  14. बतख दिन में ज्यादा सक्रिय दिखाई देते हैं
  15. इनके मांस और अंडे को अधिक मात्रा में लोगों द्वारा भोजन के रूप में लिया जाता है
  16. आज के समय में कोई व्यवसाय के रूप में काम आते हैं
  17. बहुत लोग इनकी सुंदरता के कारण  पालते हैं
  18. न्यूजीलैंड की आबादी ज्यादा है

आपने क्या सिखा

दोस्तों आज के इस लेख में हमें बत्तख से संबंधित प्रश्न जैसे बत्तख का परिचय इसका वैज्ञानिक वर्गीकरण इसके बारे में रोचक जानकारियां इनको भोजन के रूप में क्या दिया जाता है इनका जीवन काल क्या होता है इनको पालने का तरीका क्या होने चाहिए

इनके अंडे से फायदे क्या होती हैं तथा इनके ऊपर एक विस्तृत निबंध को भी हमने इस लेख Information about duck in hindi में आसान भाषा में वह स्पष्ट तरीके से कवर किया है मैं आशा करता हूं कि हमारी द्वारा बत्तख के बारे में जो जानकारियां दिया गया है

वह सबसे अच्छी है और यदि आपको किसी प्रकार की कोई कमी दिखाई दे तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं धन्यवाद

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